कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि, “मोदी सरकार, तुग़लकी फ़रमानो की चैंपियन है, लेकिन अब जनता जाग चुकी है और चुनावी लॉलीपॉप के बहकावे में नहीं आने वाली है।“ कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, ”जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी की दर 18 फीसदी पर रखने की बात कही थी, तो मोदी जी ने इसे ‘मूर्खतापूर्ण विचार’ कहा था। लेकिन तीन राज्यों में हारते ही अब यही दर उन्हें सबसे मुनासिब लगने लगी है।“
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरु से कहती रही है कि जीएसटी में एक ही दर 18 फीसदी की होनी चाहिए, तभी वन नेशन वन टैक्स की बात पूरी होगी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस 2015 से यही बात उठाती रही है। लेकिन मोदी सरकार आम लोगों की बात सुनती ही कहां है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि, “जब तीन राज्यों में मात मिली तो खतरे की घंटी बजते ही मोदी जी नींद से जागे हैं। उन्होंने कल एक कार्यक्रम में संकेत दिया कि जल्दी 99 फीसदी वस्तुओं और सेवाओं पर 18 फीसदी या इससे कम की दर से जीएसटी लगेगा।” उन्होंने कहा कि हालांकि यह सिर्फ इशारा भर है और फैसला नहीं है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पिछले साल जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद से चार बार जीएसटी की दरों में बदलाव किया जा चुका है। गुजरात चुनाव से ऐन पहले कई सारी सेवाओं और वस्तुओं पर जीएसटी दर 28 से घटाकर 18 की गई थी, और अब हिंदी भाषी राज्यों में शिकस्त खाने के बाद आखिरकार उन्हें कांग्रेस की सलाह मानने पर मजबूर होना पड़ा है।
कांग्रेस ने कुछ बिंदु उठाते हुए सीधे सवाल किए:
जीएसटी का एक साल होने पर वित्त मंत्री ने जुलाई में अपने ब्लॉग में लिखा कि सिंगल रेट जीएसटी यानी एक ही दर वाले जीएसटी का विचार दोषपूर्ण है। उन्होंने लिखा था कि एक दर का जीएसटी उस देश में कामयाब हो सकता है, जहां लोगों की खर्च करने की क्षमता एक समान है। सिंगापुर में यह चल सकता है, लेकिन भारत में नहीं। इसके पीछे 5 राज्यों में करारी हार है या कुछ और?
इसी साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ‘मिल्क एंड मर्सिडीज़’ से एक ही दर पर कर नहीं वसूला जा सकता। उन्होंने कहा था कि ‘मेरे कांग्रेसी मित्र उन वस्तुओं और खाद्य पदार्थों पर 18 फीसदी की वकालत कर रहे हैं जिन पर अभी शून्य या फीसदी टैक्स है।‘ क्या मोदी जी बताएंगे कि अब ऐसा क्या हो गया कि 5 फीसदी वाला आइटम 18 फीसदी के दायरे में आएगा?
इसी साल कामचलाऊ वित्त मंत्री ने कहा था कि एक दर के जीएसटी का प्रस्ताव बेतुका और हास्यास्पद सुझाव है। लेकिन ऐसा कहते वक्त कामचलाऊ वित्त मंत्री भूल गए थे कि जब उनकी सरकार ने जीएसटी लागू किया था तो नारा था वन नेशन वन टैक्स वन मार्केट।
अभिषेक मनु सिंघवी की पूरी प्रेस कांफ्रेंस इस वीडियो में देख सकते हैं:
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