पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में से हिंसा की खबरें आ रही है। इन इलाकों में 2 मई की मतगणना के बाद से हिंसा भड़कने की सूचनाएं मिली हैं। इसी पर कांग्रेस ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की निर्वाचित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हिंसा रोकने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाने चाहिए। कांग्रेस के पश्चिम बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद ने कहा, "चुनाव के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर तृणमूल द्वारा की गई हिंसा अस्वीकार्य है। यहां तक कि महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा गया। मुझे यकीन है कि पश्चिम बंगाल के लोगों ने इस अधर्म के लिए वोट नहीं दिया होगा।"
इसके अलावा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "तृणमूल नेता (ममता) को हिंसा रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए, क्योंकि चुनाव जनादेश एक जिम्मेदारी के साथ आता है। यदि निशाना भाजपा कार्यकर्ता हैं, तब भी हिंसा तुरंत रोकी जानी चाहिए।"
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ध्यान रहे कि पश्चिम बंगाल में चुनाव नतीजों के ऐलान के बाद से ही खबरें आ रही हैं कि राज्य में बीजेपी कार्यकर्ताओँ पर हमले हो रहे हैं। यह भी खबर आई थी कि नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराने वाले बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी के वाहन पर भी हमला किया गया।
इस बीच गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया था, "गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य में विपक्षी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने वाली हिंसा के बारे में रिपोर्ट मांगी है।" लेकिन तृणमूल नेताओं ने कहा है कि उनका पश्चिम बंगाल में ऐसी किसी भी घटना से कोई लेना-देना नहीं है और लोगों से शांति बनाए रखने और सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया।
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इस बीच पीटीआई ने खबर दी है कि राज्य में हो रही हिंसा पर ममता बनर्जी ने मंगलवार को बैठक बुलाई। इसमें पुलिस और प्रशासन के कई अधिकारियों ने हिस्सा लिया। ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पर हुई इस बैठक में मुख्य सचिव अलपान बंधोपाध्याय, गृह सचिव एच के द्विवेदी,डीजीपी पी निरजनयन और कोलकाता के पुलिस कमिश्नर सोमेन मित्रा ने हिस्सा लिया।
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