चंडीगढ़ मेयर के चुनाव में खुलेआम हुई धांधली के खिलाफ चंडीगढ़ के साथ ही हरियाणा और पंजाब में भी सियासी तापमान चरम पर पहुंच गया है। गुस्सा हर वर्ग में दिखा। लोगों ने इसे गुंडागर्दी की हद करार दिया। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का आक्रोश आज सड़क पर फूट पड़ा। इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए दोनों दलों ने जमकर प्रदर्शन किया।
कांग्रेस और आप कार्यकर्ता प्रिजाइडिंग आफिसर अनिल मसीह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। कार्यकर्ताओं में आक्रोश इतना ज्यादा था कि भारी बेरीकेडिंग तोड़कर थाने में जाने की कोशिश की, जिस पर पुलिस के साथ टकराव के हालात बन गए। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने प्रिजाइडिंग आफिसर के खिलाफ तत्काल केस दर्ज करने की मांग के साथ ही इस कृत्य के लिए गुंडागर्दी जैसे शब्द को भी छोटा करार दिया है।
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चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में होटल शिवालिक व्यू के सामने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बुधवार को दोपहर में एकत्रित हुए। प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने वहां पहले से ही भारी बैरीकेडिंग लगा रखी थी। रैपिड एक्स फोर्स के साथ चंडीगढ़ पुलिस के जवान भी भारी तादाद में तैनात किए गए थे। प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल कर रहे थे। दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में गजब की केमिस्ट्री भी नजर आ रही थी। सभी का सवाल एक ही था। वह था मेयर चुनाव के नाम पर की गई लोकतंत्र की हत्या का। दोनों दलों के कार्यकर्ताओं का कहना था कि जब बीजेपी मेयर के चुनाव के लिए इस स्तर तक गिर सकती है तो केंद्र और राज्यों के चुनाव में वह क्या करती होगी।
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प्रदर्शन में हाथों में पकड़े बैनर व पोस्टर भी इसी आक्रोश को बयां कर रहे थे। चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजों से हो गया साफ, लोकतंत्र के हत्यारों को जनता नहीं करेगी माफ, केंद्र की सरकार हाय-हाय, पाप का घड़ा भर चुका है व बीजेपी का फूल, सबसे बड़ी भूल जैसे पोस्टरों में लिखे नारे इस बात की तस्दीक कर रहे थे कि लोगों में गुस्सा गहरा है। प्रतीकात्मक तौर पर एक घड़ा भी वहां इस बात को बताते हुए फोड़ा गया कि इस कृत्य को अंजाम देने वाली सरकार के पाप का घड़ा भी अब इसी तरह फूटने वाला है।
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इस दौरान चंडीगढ़ बीजेपीके खिलाफ भी जमकर नारेबाजी हुई। पुलिस ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को सेक्टर 17 पुलिस थाने से पहले ही भारी बैरीकेडिंग लगाकर रोक लिया। इससे भड़की महिला कार्यकर्ता बैरीकेड पर चढ़ गईं। दोनों दलों के कार्यकर्ता लगातार प्रिजाइडिंग आफिसर अनिल मसीह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि प्रिजाइडिंग अफसर ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली की है। एक स्थिति ऐसी आई कि केंद्र सरकार और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स तोड़ने का प्रयास किया। इससे पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच टकराव की नौबत भी आ गई। जिसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बसंल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एचएस लक्की, आम आदमी पार्टी के सह-प्रभारी एसएस अहलूवालिया और दोनों दलों के पार्षदों को थाने के अंदर आकर मांग पत्र देने की अनुमति पुलिस ने दी।
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन बंसल का कहना था कि एक नॉमिनेटेड पार्षद, जिसकी कौंसलर बनने की भी हैसियत नहीं थी, उसे प्रिजाइडिंग आफिसर बनाकर पूर्व योजना के तहत कांग्रेस और आप के साझा मेयर पद के उम्मीदवार के 8 मतों को रिजेक्ट करवाया गया। इसके बाद परिणाम का ऐलान करने के साथ ही प्रिजाइडिंग आफिसर वहां से भाग गया, जिसके बाद बीजेपी के पार्षदों ने टेबल पर चढ़कर पेपर फाड़ दिए। वहां जो भी किया गया उसके लिए गुंडागर्दी तो छोटा शब्द है। यह तो सरेआम खुल कर सबके सामने हुआ है। सारी चीजें रिकॉर्डेड हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार प्रिजाइडिंग अफसर ने अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतते हुए एक पार्टी को फायदा पहुंचाया है और अपने पद का दुरुपयोग किया है। इससे लोकतंत्र को हानि हुई है। उस पर आज ही मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
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