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महिला आरक्षण विधेयकः कांग्रेस ने अपनाया आक्रामक रुख, संसद के विशेष सत्र में पास कराने की मांग की

कांग्रेस ने आधी आबादी के लिए पूर्व पीएम राजीव गांधी, पी वी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की सरकारों द्वारा किए गए कामों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए महिला सशक्तिकरण महज कोई चुनावी शब्द नहीं, एक दृढ़ निश्चय रहा है।

कांग्रेस ने संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पास कराने की मांग की
कांग्रेस ने संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पास कराने की मांग की फोटोः सोशल मीडिया

कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक पर आक्रामक रुख अपनाते हुए केंद्र की मोदी सरकार से संसद के इसी विशेष सत्र में इसे लोकसभा से पास कराने की मांग की है। कांग्रेस ने मांग की है कि देश की आधी आबादी को उसका पूरा हक दिया जाए। कांग्रेस ने आज एक बयान में कहा कि आधी आबादी को पूरा हक मिलना चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महिलाओं की सार्थक भागीदारी और साझी जिम्मेदारी का महत्व समझती है। इसलिए कांग्रेस के लिए महिला सशक्तिकरण महज कोई चुनावी शब्द नहीं, एक दृढ़ निश्चय रहा है।

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कांग्रेस ने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1989 में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। यह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में पास न हो सका।

इसके बाद 1993 में कांग्रेस सरकार के प्रधानमंत्री पी.वी नरसिम्हा राव ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया। दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए। नतीजा, आज पंचायतों और नगर पालिकाओं में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं।

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कांग्रेस ने आगे कहा कि आधी आबादी की इस बेहतरीन भागीदारी ने महिला सशक्तिकरण से जुड़े हमारे आत्मविश्वास को और बढ़ा दिया। इसलिए महिलाओं के लिए संसद और विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी संविधान संशोधन विधेयक लेकर आए। यह विधेयक 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ, लेकिन लोकसभा में न जा सका।

कांग्रेस ने कहा कि राज्यसभा में पारित हुए विधेयक समाप्त नहीं होते, इसलिए महिला आरक्षण विधेयक अभी भी एक्टिव है। पिछले 9 साल से महिला आरक्षण का यह विधेयक लोकसभा में पास होने की राह देख रहा है, लेकिन महिला विरोधी मानसिकता से ग्रसित मोदी सरकार इसे अनदेखा कर रही है।

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कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी कई बार महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुकी हैं। साथ ही पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी भी इस विषय पर प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुके हैं।हाल ही में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी महिला आरक्षण को लागू करने का प्रस्ताव पारित किया गया है।

अतं में कांग्रेस ने कहा कि, इसलिए देश की करोड़ों महिलाओं की तरफ से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मांग है कि राज्यसभा से पारित हो चुके महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा से भी पारित किया जाए। देश की आधी आबादी को उसका पूरा हक दिया जाए।

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