कांग्रेस के लिए यह संतोष भी है और आश्चर्य भी, कि उनका एक भी विधायक कर्नाटक विधानसभा में बहुमत परीक्षण की घड़ी नजदीक आते वक्त गैरहाजिर नहीं था, न ही किसी ने बीजेपी का दामन थामा। जेडीएस के विधायक भी अपनी पार्टी और अपने नए गठबंधन में एकजुट रहे, और उन्होंने बी एस येदियुरप्पा की ढाई दिन की सरकार को ढहा दिया। इतना ही नहीं कांग्रेस और जेडीएस ने बीजेपी की उस अजेय छवि को तहस-नहस कर दिया जिसमें कहा जाता रहा है कि उसे हराया नहीं जा सकता।
कर्नाटक में राजनीतिक घटनाक्रम अब भी तेज़ी से घूम रहा है, लेकिन अभी तक कांग्रेस और जेडीएस दोनों ही उस दबाव से डटकर मुकाबला करने में कामयाब रहे हैं जो बीजेपी से हाथ मिलाने के लिए उन पर केंद्रीय एजेंसियों के जरिए डाला जा रहा था।
संभवत: भारतीय राजनीति के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी विपक्षी दल ने बहुमत के लिए शक्ति परीक्षण में उतरने वाली सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ कम से कम 5 ऑडियो टेप सार्वजनिक कर साबित किया किस तरह वह विरोधी दलों को विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। इन टेप में बीजेपी के नेता विधायकों को तरह-तरह के लालच दे रहे हैं। हालांकि कर्नाटक बीजेपी ने इस टेप को फर्जी बताया, लेकिन फिर भी इन टेप की जांच तो होनी ही चाहिए आखिर वह कौन लोग थे जिन्होंने बहुमत परीक्षण को प्रभावित करने की कोशिश की।
कर्नाटक में अब तक हुई सियासी उठापटक से कुछ बिंदु निकलकर आते हैं:
Published: 19 May 2018, 5:40 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 19 May 2018, 5:40 PM IST