कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले पर कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि "इसमें कोई दो राय नहीं कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव को रोका जाना बेहद जरूरी है, लेकिन नाइट कर्फ्यू लगाने से कोविड में कोई रोकथाम होगी ऐसा संभवत: होगा नहीं।"
कैट के अनुसार, दिल्ली सरकार को दिल्ली के व्यापारिक और रेजिडेंट संगठनों के साथ बातचीत कर कोई ऐसी योजना बनानी चाहिए, जिससे दिल्ली की व्यापारिक गतिविधियों पर कोई असर नहीं हो और कोविड के तेजी से बढ़ते प्रकोप को रोका जा सके। वहीं महाराष्ट्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक लॉक डाउन लगाए जाने को भी कैट ने आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह से प्रभावित करने वाला बताया है।
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कैट ने महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार द्वारा उठाये गए कदमों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भेजा है और आग्रह किया है कि प्रत्येक राज्य कोविड को लेकर स्वतंत्र रूप से कदम उठायें, उसके बजाय केंद्र सरकार को पिछले वर्ष की तरह ही कदम उठाते हुए एक केंद्रीकृत योजना सभी राज्य सरकारों से बातचीत कर बनानी चाहिए, जिससे सारे देश में एकरूपता बनी रहे। कैट ने कहा कि यदि हर राज्य ने अपने स्तर पर कदम उठाये तो देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होंगी, जिससे व्यापार एवं अर्थव्यवस्था को बड़ी हानि होने की सम्भावना है।
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वहीं दिल्ली के मुद्दे पर कैट ने दिल्ली के उपराजयपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को भी पत्र भेजकर अनुरोध किया कि "किसी भी तरह के निर्णय से पहले व्यापारियों के साथ एक बैठक बुलाई जाए, जिसमें कोविड से बचाव की रणनीति पर विचार किया जा सके। दिल्ली के व्यापारी सरकार के साथ हैं और कोरोना के खिलाफ इस जंग में वे सरकार की हर सम्भव मदद के लिए तैयार हैं।
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कैट ने कर्फ्यू को एकमात्र विकल्प न मानते हुए ये सवाल भी उठाया कि दिल्ली में नाइट कर्फ्यू के लगने से कोविड पर अंकुश कैसे संभव है ये समझ के बाहर है! कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि नाइट कर्फ्यू से अगर हालात सामान्य हो रहे होते तो उसका असर दूसरे शहरों पर दिखता, जहां नाइट कर्फ्यू लगाया जा चुका है। नाइट कर्फ्यू का असर सीधे तौर पर दिल्ली में चल रहे रेस्तरां, होटल, बैंक्वेट, और फार्म हाउस बिजनेस पर पड़ेगा जो पहले ही लॉकडाउन के कारण अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।
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उन्होंने यह भी कहा कि पिछले एक साल में इन सभी सेक्टरों को व्यापार की बड़ी हानि उठानी पड़ी और अब जब किसी प्रकार से पिछले कोविड से यह सेक्टर उबर रहे हैं तो ऐसे में रात्रि कर्फ्यू से इन सेक्टर के व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा। अप्रैल और मई महीने में बड़े स्तर पर शादी और अन्य समारोह होने हैं, जिनके लिए लोगों ने पहले ही काफी पैसा खर्च किया है। रात्रि कर्फ्यू के निर्णय से अब इस तरह के समारोह करना संभव नहीं होगा, इस बात को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
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कैट ने सुझाव दिया है कि पूर्ण लॉकडाउन के बजाय कोविड के हॉटस्पॉट को चिन्हित किया जाए और अलग-अलग फेज में स्ट्रेटेजी बना के उन इलाकों में कार्य किया जाए। व्यापारी नेताओं ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करवाने जरूरी हैं, जिसके आधार पर आइसोलेशन और उपचार की रणनीति बनाने की जरूरत है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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