पूरे उत्तर भारत समेत देश के कई अन्य भागों में पिछले कुछ दिनों से सर्दी का सितम जारी है और अभी इससे जल्द निजात मिलने की संभावना भी नहीं दिख रही है। पूरा उत्तर भारत कई दिनों से कोहरे की चादर में लिपटा हुआ है और कुछ जगहों पर न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। तापमान में आई गिरावट से पाला पड़ने की आशंका बनी हुई है, जिससे रबी फसलों को नुकसान हो सकता है।
Published: 30 Dec 2019, 8:30 PM IST
कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि कोहरे से भी फसलों पर असर पड़ सकता है, हालांकि पाला से ज्यादा नुकसान हो सकता है। वैसी स्थिति अभी पैदा नहीं हुई है, लेकिन कोहरा छंटने और तापमान में गिरावट आने से पाला पड़ना अवश्यंभावी है।
जब धूप नहीं निकलने से धरातल का तापमान काफी कम हो जाता है, जिससे वायु में गैसीय अवस्था में पानी यानी जल-वाष्प घनीभूत होकर जल की बूंदों में परिणत हो जाते हैं तो कोहरा छा जाता है। इस प्रकार वातावरण में नमी यानी आर्द्रता बनी रहती है। लेकिन जब बादल छंटता है और वातावरण का तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से कम हो जाता है और आर्द्रता कम होने से वायु शुष्क हो जाती है तो पाला पड़ता है। ऐसे स्थिति में पानी जमने लगता है।
Published: 30 Dec 2019, 8:30 PM IST
कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि कोहरे की स्थिति में सूर्य का प्रकाश पर्याप्त नहीं मिलने से पौधे में प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया धीमी पड़ जाती है, जिससे पौधे का विकास रुक जाता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत आने वाले राजस्थान के भरतपुर स्थित सरसों अनुसंधान निदेशालय के कार्यकारी निदेशक पी. के. राय ने बताया कि सरसों की फसल पर फिलहाल कोहरे से कोई ज्यादा असर नहीं हुआ है, लेकिन भरतपुर, अलवर डिवीजन के कुछ इलाकों में सरसों पर सफेद रतुआ (व्हाइट रस्ट) के प्रकोप की शिकायत मिल रही है।
रबी सीजन की प्रमुख दलहन फसल चना पर भी फिलहाल कोहरे से कोई खास असर होने की सूचना नहीं है। आईसीएआर के तहत आने वाले भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक और प्रोजेक्ट को-ऑडिटनेटर जीपी सिंह ने बताया कि कोहरे से चना की फसल को कोई खास नुकसान नहीं है, लेकिन ऐसी स्थिति में प्रकाश-संश्लेषण की गति मंद पड़ जाने से पौधे के विकास पर असर जरूर पड़ता है।
Published: 30 Dec 2019, 8:30 PM IST
हालांकि आलू की फसल में झुलसा रोग लगने की शिकायत मिल रही है। आईसीएआर के तहत आने वाले केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान-क्षेत्रीय केंद्र मोदीपुरम, मेरठ के संयुक्त उपनिदेशक डॉक्टर मनोज कुमार ने आईएएनएस को बताया कि आलू में लेट ब्लाइट यानी झुलसा लगने का खतरा बढ़ गया है और कई जगहों से शिकायतें भी मिली हैं। उन्होंने बताया कि आलू में झुलसा की शिकायत उत्तर प्रदेश और पंजाब से मिली है और संस्थान की ओर से इसके लिए एडवायजरी भी जारी की गई है। कोहरे से फिलहाल रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं पर भी कोई असर नहीं हुआ है। आईसीएआर के तहत आने वाले हरियाणा के करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) के निदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि "कोहरे से गेहूं की फसल पर कोई असर नहीं होगा, फसल के विकास में इससे जो थोड़ा असर पड़ता है बाद में उसकी रिकवरी हो जाती है। गेहूं की फसल में बाली लगने के समय अगर मौसमी दशा प्रतिकूल होती है तो उसका असर पड़ता है।"
आईसीएआर के एक कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि पाला पड़ने से आलू, चना, सरसों समेत कई फसलों पर बुरा असर पड़ता है, क्योंकि ऐसी स्थिति में पौधे के भीतर पानी जमने लगता है, जिससे उसकी बाली और दाने सूख जाते हैं। उन्होंने बताया कि पाला तब पड़ता है, जब वायुमंडल में आद्र्रता कम हो जाती है, और ऐसी स्थिति में किसानों को सिंचाई करने की सलाह दी जाती है।
Published: 30 Dec 2019, 8:30 PM IST
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Published: 30 Dec 2019, 8:30 PM IST