हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदा के लिहाज से संवेदनशील राज्यों में से एक रहा है। गत वर्ष भी यहां प्राकृतिक आपदा के कारण काफी जान-माल का नुकसान हुआ था। इन्हीं सब स्थितियों को देखते हुए सोमवार को शिमला के ऐतिहासिक मैदान में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में बताया गया है कि कैसे लोगों को प्राकृतिक आपदा से बचाया जा सकता है। इस प्रदर्शनी के जरिए लोगों को प्राकृतिक आपदा को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सोमवार को इसका अवलोकन करने पहुंचे। अवलोकन के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “पिछले साल हमने भयंकर आपदा का सामना किया था। ऐसी आपदा हमने अपने जीवनकाल में कभी नहीं देखी थी, लेकिन जब हमें जनता और सरकार का सहयोग मिला, तो हम इसका चुनौतीपूर्ण ढंग से सामना कर सके थे, ताकि धरातल पर स्थिति को सामान्य बनाया जा सके।”
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उन्होंने कहा, “बीते दिनों कई जगहों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आई थीं। यह क्लाइमेट चेंज के भी कारण हो सकता है। हमने इस संबंध में केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा है। केंद्र सरकार से हमने इस संबंध में अध्ययन करने को कहा है, ताकि इसके पीछे की वजह को समझा जा सके, जिससे धरातल पर स्थिति सामान्य हो सके। प्रदेश सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है। हमने इस दिशा में 800 करोड़ रुपए की परियोजना भी बनाई है।”
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उन्होंने आगे कहा, “हम एसडीआरएफ टीम को भी मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि भविष्य में जब आपदा आए, तो हमें किसी भी प्रकार की दुश्वारियों का सामना ना करना पड़े और हम इस स्थिति को आसानी से सामान्य बना सकें, क्योंकि इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदा के लिहाज से एक संवेदनशील राज्य है। यहां हमेशा किसी ना किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा की संभावना बनी रहती है। ऐसी स्थिति में हमें इसका एकजुट होकर इसका सामना करना होगा।”
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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