हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद रामस्वरूप शर्मा का तकरीबन पांच महीने पहले दिल्ली में कथित सुसाइड भारतीय जनता पार्टी के गले की फांस बन गया है। रामस्वरूप शर्मा का परिवार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, नितिन गडकरी और पुलिस समेत हर चौखट पर दस्तक देकर जाचं की मांग कर रहा है। परिवार का कहना है कि इतना वक्त गुजरने के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला। वह ऐसे सुसाइड नहीं कर सकते। आशंका है कि वक्त गुजरने के साथ सारे साक्ष्य भी खत्म हो जाएंगे। फतेहपुर, जुब्बल कोटखाई व अर्की समेत तीन विधानसभा और मंडी लोकसभा उप-चुनाव से पहले गर्म हुए इस मुद्दे पर बीजेपी को जवाब देते नहीं बन रहा है।
इधर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद अपने ही बयान में फंस गए हैं। सीएम ने उस वक्त कहा था कि अगर परिवार मांग करेगा तो वह जांच करवाने से पीछे नहीं हटेंगे। अब जब हिमाचल विस में सीबीआई जांच की मांग गूंज रही है और परिवार भी जांच की मांग कर रहा है तो सीएम कभी रामस्वरूप शर्मा से अपने बेहतर संबंधों की दुहाई दे रहे हैं तो कभी घटना के दिल्ली में होने का तर्क दे रहे हैं। मुख्यमंत्री का कहना है मामला दिल्ली में घटित होने के चलते यह प्रदेश सरकार के विशेषाधिकार का नहीं है।
आपको बता दें, रामस्वरूप शर्मा के पुत्र ने हाल ही में जांच का मामला उठाया है। उनके बेटे ने कहा है कि मेरे पिता आत्महत्या नहीं कर सकते। सीएम का कहना है कि दिल्ली की क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है और हमें किसी प्रकार से जांच को प्रभावित नहीं करना चाहिए। लेकिन इससे हिमाचल की बीजेपी सरकार के बच निकलने की जगह उस पर सवाल और गहरे हो गए हैं। कहते हैं जिस दिन रामस्वरूप शर्मा के कथित सुसाइड की बात सामने आई उससे पहले वाले दिन वह बिल्कुल सामान्य थे। परिस्थितियां इतनी संदिग्ध होने के बाद भी सरकार जांच से क्यों भाग रही है।
उधर कांग्रेस का कहना है कि एक सांसद की मौत हुई है, जिसका संबंध हिमाचल प्रदेश से भी है। ऐसे में जांच रिपोर्ट आनी चाहिए थी, लेकिन सरकार इस संवेदनशील मामले को छुपा रही है। विस में नियम 67 के तहत चर्चा का मौका न मिलने पर कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट भी किया। इस पर विस में जमकर हंगामा बरपा। यही नहीं माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी सरकार पर सवाल उठाए। रामस्वरूप शर्मा के पुत्र की मांग को विस में उठाते हुए कांग्रेस विधायकों का कहना था कि सरकार सांसद की मौत की सीबीआई जांच क्यों नहीं करवा रही। नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना था कि 18 लाख लोगों के प्रतिनिधि की मौत पर सरकार पर्दा डालने का प्रयास कर रही है। फिल्म अभिनेता सुशांत राजपूत की मौत पर पूरे देश में शोर मचता है, जबकि सांसद की मौत की सरकार सीबीआई जांच नहीं करवाना चाहती। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर सांसद के परिवार से जांच की मांग की जाएगी तो जांच करवाएंगे। अब तो दिवंगत सांसद के पुत्र ने जांच की मांग की है।
विधानसभा में इस पर प्वाइंट ऑफ आर्डर मांगने वाले किन्नौर से कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी का कहना है कि हम चार माह से चुप बैठे हैं। इतने समय में सारे साक्ष्य खत्म कर दिए जाएंगे। सरकार ने कहा था कि मौत की जांच से अवगत करवाएंगे। जगत सिंह नेगी का कहना है कि उस समय भी विस में मामला उठाया थ। तब सीएम ने धैर्य रखने के लिए कहा था। न फारेंसिक रिपोर्ट मिली और न ही कॉल डिटेल निकाली गई। इसलिए संदेह हो रहा है। कुछ तो गड़बड़ है, जिससे साक्ष्य सामने नहीं लाए जा रहे। कुल्लू से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर का कहना है कि कोई तो बात है, जो सरकार जांच करवाने के लिए तैयार नहीं है। राम स्वरूप शर्मा का बेटा अनंत स्वरूप गडकरी और नड्डा से मिलने के साथ ही खुद पुलिस थाने तक जा चुका है। फिर भी सरकार चुप है। सरकार की नीयत ही जांच करवाने की नहीं लग रही है।
सुंदर सिंह ठाकुर का कहना है कि कथित सुसाइड वाले दिन रामस्वरूप शर्मा ने सामान्य तौर पर खाना खाया। सभी से सामान्य तौर पर बात की। कहीं से भी सुसाइड जैसा कदम उठाने की मानसिक स्थिति में वह नहीं लग रहे थे। जरूर बीजेपी और सरकार की इसमें कुछ गड़बड़ है। सोलन से विधायक धनीराम सांडिल का कहना है कि विस में सरकार के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। वह दिल्ली में जांच चलने का तर्क देकर बचने की कोशिश कर रहे हैं। हिमाचल के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और मंडी से ही विधायक रहे कौल सिंह ठाकुर का कहना है कि कथित सुसाइड से दो दिन पहले ही वह मंडी शिवरात्रि मेले में आए थे। उनके स्वास्थ्य में भी कहीं कोई दिक्कत नहीं थी। उनका कहना है कि केस को दबा दिया गया है। मामला पूरी तरह संदेहास्पद है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर का कहना है कि विपक्ष जांच की मांग कर रहा हो तो आरोप लग सकता है कि हम सियासत कर रहे हैं। लेकिन जब परिवार ही जांच की मांग कर रहा है तो सरकार को क्या दिक्कत है। कुलदीप राठौर का कहना है कि राम स्वरूप शर्मा कथित सुसाइड से पहले जब बिल्कुल सामान्य थे तो ऐसा क्या हो गया कि उन्होंने यह कदम उठाया। यह बिल्कुल सुशांत सिंह राजपूत जैसा मामला है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय सीट से भाजपा सांसद राम स्वरुप शर्मा का शव दिल्ली के नार्थ एवेन्यू इलाके में स्थित गोमती अपार्टमेंट (सांसद आवास) में फंदे से लटका मिला था। सांसद राम स्वरुप शर्मा मूलरुप से मंडी जिले के जोगिंद्र नगर के रहने वाले थे। उस वक्त सांसद की पत्नी धार्मिक यात्रा पर गई हुई थीं। पुलिस को जांच में पता चला था उस रात सांसद ने अपने तीनों बेटों और पत्नी से भी फोन पर बातचीत की थी।
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