सुप्रीम कोर्ट में एम नागेश्वर राव को अंतरिम सीबीआई प्रमुख के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने खुद को इस केस से अलग कर लिया। उन्होंने कहा कि वे सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली उच्चस्तरीय समिति के सदस्य हैं, ऐसे में उन्हें इस पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए। अब इस याचिका पर सुनवाई 24 जनवरी को दूसरी बेंच करेगी। बता दें कि याचिका में सीबीआई निदेशक के चुनाव को शॉर्टलिस्ट करने, चुनाव करने और नियुक्ति करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की मांग की गई है।
Published: 21 Jan 2019, 1:26 PM IST
बता दें कि इस मामले में एक एनजीओ की उस याचिका पर सुनवाई हो रही है, जिसमें उसने नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक तौर पर नियुक्ति को चुनौती दी है। इस संगठन ने कहा था, “नागेश्वर राव की अंतरिम सीबीआई निदेशक के रूप में नियुक्ति उच्चस्तरीय चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर नहीं हुई है। 10 जनवरी, 2019 की तारीख वाले आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने पहले की व्यवस्थाओं के अनुसार नागेश्वर राव की नियुक्ति को मंजूरी दी है।”
Published: 21 Jan 2019, 1:26 PM IST
गौरतलब है कि पिछले साल 23 अक्टूबर को मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद आलोक वर्मा और राकेश आस्थाना को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था और आलोक वर्मा की जगह नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया। लेकिन आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इस गलत ठहराया था और आलोक वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली थी। आलोक वर्मा ने दोबारा कार्यभार संभाला लेकिन उसके ठीक बाद उच्चस्तरीय समिति ने उन्हें सीबीआई निदेशक पद से हटा दिया और नागेश्वर राव को दोबारा अंतिरम निदेशक नियुक्त किया गया। इस नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
Published: 21 Jan 2019, 1:26 PM IST
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Published: 21 Jan 2019, 1:26 PM IST