वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई करने वाले सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि दिवाकर को धमकी भरा पत्र मिला है। जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए यह पत्र मिलने के तुरंत बाद सिविल जज ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक और पुलिस आयुक्त को इसकी जानकारी दी।
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वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने कहा, "पत्र के संबंध में सिविल जज द्वारा सूचना मिलने के बाद, इस मामले को जांच के लिए पुलिस उपायुक्त को सौंप दिया गया है।"
गणेश ने कहा कि वाराणसी के सिविल जज और लखनऊ में उनकी मां की सुरक्षा को भी बढ़ाया जा रहा है।
पत्र में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी और भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश को लेकर भी अपमानजनक टिप्पणी की गई है।
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12 मई को जारी अपने एक आदेश में सिविल जज दिवाकर ने कहा कि इस दीवानी मामले को असाधारण मामला बनाकर भय का माहौल बनाया जा रहा है। भय इस कदर है कि मैं और मेरा परिवार डर के साए में जी रहे हैं।
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