नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पूरा उत्तर-पूर्व जल रहा है। असम, त्रिपुरा और मेघालय समेत कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। इन राज्यों में लोग सड़क पर आ गए हैं और उग्र प्रदर्शन कर कर रहे हैं। प्रदर्शन से जान और माल दोनों का भारी नुकसान हुआ है। दो प्रदर्शनकारी अपनी जान भी गंवा चुके हैं। अब खबर है कि इतना सब कुछ हो जाने के बाद सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं में इस बात की चर्चा है कि बिल को लेकर सरकार से भूल हो गई है। दरअसल केन्द्र सरकार द्वारा स्थिति की सही समीक्षा नहीं की गई और बिना पूरी तैयारी, कमजोर कम्यूनिकेशन और कई फैसलों में गलती के चलते हिंसा के हालात बने। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ जो प्रतिक्रिया दी, उसके कारण भी हालात बिगड़े।
Published: 13 Dec 2019, 1:39 PM IST
दरअसल मोदी सरकार यह अंदाजा लगाने में पूरी तरह नाकाम रही कि इस बिल का किस स्तर पर विरोध हो सकता है। कहा जा रहा है कि सरकार को जरा भी अंदाजा नहीं था कि इतने बड़े स्तर पर इस बिल का विरोध होगा। हालांकि अब सरकार हालात पर काबू पाने की कोशिश में लगी है, लेकिन अब तक असम और त्रिपुरा में बहुत ज्यादा नुकसान हो चुका है।
Published: 13 Dec 2019, 1:39 PM IST
खबरों के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में पेश करने से पहले 160 संगठनों और 600-700 लोगों से मुलाकात कर इस बारे में बातचीत की थी। लेकिन उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि इसके बाद भी इतने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो जाएगा।
Published: 13 Dec 2019, 1:39 PM IST
विपक्ष के साथ-साथ कई बीजेपी नेता भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं। पूर्वोत्तर और विशेष रूप से असम में जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर पार्टी से नाराज असमिया अभिनेता और बीजेपी नेता जतिन बोरा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले 9 दिसंबर को इसी CAB को लेकर असम बीजेपी के नेता और एक्टर रवि शर्मा इस्तीफा दे चुके हैं।
Published: 13 Dec 2019, 1:39 PM IST
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Published: 13 Dec 2019, 1:39 PM IST