बिहार के दिवंगत कद्दवार नेता रामविलास पासवान की बनाई पार्टी एलजेपी में अपनों का ही बगावत झेल रहे उनके बेटे चिराग पासवान का दर्द मंगलवार को एक बार फिर छलक उठा। उन्होंने उन पर आए संकट में बीजेपी के रवैये को लेकर अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहीं से कोई साथ नहीं मिलने पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि उनके पिता रामविलास और वे हमेशा बीजेपी के साथ मजबूती से खड़े रहे, लेकिन उनके मुश्किल वक्त में बीजेपी का साथ नहीं मिला।
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एक समाचार एजेंसी से चिराग पासवान ने दुखी लहजे में कहा, “मेरे पिता रामविलास पासवान और मैं बीजेपी के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे थे, लेकिन जब मुझे ऐसे मुश्किल समय में उनसे उम्मीद थी, तो मुझे बीजेपी का साथ नहीं मिला।” साथ ही चिराग ने कहा कि बीजेपी से रिश्ते अब एकतरफा नहीं रह सकते। उन्होंने साफतौर पर कहा कि अगर मुझे घेरने की कोशिश जारी रही है तो मैं सभी संभावनाओं पर विचार करूंगा।
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हालांकि, चिराग पासवान ने अब भी पीएम मोदी पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि उनका पीएम मोदी में विश्वास कायम है, लेकिन अगर घेरा जाता है, धकेला जाता है और मजबूर किया जाता है, तो पार्टी सभी संभावनाओं पर विचार करेगी। चिराग ने साफ तौर पर कहा कि एलजेपी को अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर इस आधार पर फैसला लेना होगा कि कौन उसके साथ खड़ा है और कौन नहीं।
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इस दौरान जब चिराग से एलजेपी के मौजूदा संकट के दौरान बीजेपी के उनसे कोई संपर्क किये जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बीजेपी का चुप रहना 'उचित' नहीं था, जबकि जेडीयू एलजेपी में विभाजन का काम कर रही थी। चिराग ने साफ कहा कि उन्हें मुझे उम्मीद थी कि बीजेपी मध्यस्थता करेगी और मामले को सुलझाने का प्रयास करेगी, लेकिन उनकी चुप्पी निश्चित रूप से आहत करती है।
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