अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए पांच युवकों के चीन के कब्जे में होने की पुष्टि हो गई है। इसकी पुष्टि खुद चीनी सेना ने की है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट कर जानकारी दी कि "भारतीय सेना की तरफ से लापता लोगों के बारे में भेजे गए हॉटलाइन संदेश पर चीन की सेना ने जवाब दिया है। चीन ने पुष्टि की है कि अरुणाचल प्रदेश से लापता युवा उनकी तरफ पाए गए हैं। उन्हें अधिकारियों को सौंपे जाने की आगे की आपौचारिकताओं पर काम किया जा रहा है।"
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इस संबंध में अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले के पुलिस अधीक्षक तारू गुसार ने कहा कि वह घटनाक्रम को लेकर बहुत व्यस्त हैं और फिलहाल मीडिया से बात नहीं कर सकते। इससे पहले मंगलवार सुबह गुसर ने कहा था कि कई संदिग्ध चीनी पीएलए सैनिकों द्वारा अपहरण कर लिए गए पांच लापता व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों ने पुलिस को सूचित नहीं किया है। गुसर ने बताया था कि इस क्षेत्र के लोग शिकार के लिए अक्सर जंगल में जाते हैं, जो इस क्षेत्र के आदिवासियों के बीच एक पारंपरिक प्रथा है।
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इससे पहले दिन में लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अरुणाचल प्रदेश के पांच युवाओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया था। गौरव गोगोई ने राजनाथ सिंह को लिखा, "मैं आपको अरुणाचल प्रदेश के उन पांच युवकों की स्थिति के बारे में अपनी गंभीर चिंता दर्ज करने के लिए लिख रहा हूं, जो एक शिकार अभ्यास के दौरान ऊपरी सुबनसिरी जिले से लापता हो गए हैं। उनके परिवार के सदस्यों ने बयान दिया है कि उनका अपहरण कर लिया गया है और चीनी सेना इस घटना के लिए जिम्मेदार है।"
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पहले तो अरुणाचल और केंद्र सरकार इस मामले पर चुप्पी साधे रही, लेकिन कांग्रेस नेताओं द्वारा जोरशोर से मामला उठाए जाने पर सरकार हरकत में आई थी। इसके बाद रिजिजू ने कहा था कि भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश के पांच व्यक्तियों के कथित अपहरण के बारे में पीएलए को एक हॉटलाइन संदेश भेजा है। आज उसी का जवाब आने की रिजिजू ने पुष्टि की है।
वहीं, अरुणाचल प्रदेश में स्थानीय मीडिया ने यह भी बताया कि अपहरण ऊपरी सुबासिरी जिले के नाचो के पास एक वन क्षेत्र में हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगवा किए गए व्यक्तियों में टोच सिंगकम, प्रसाद रिंगलिंग, डोंगटू इबिया, तनु बेकर और नार्गु डिरी शामिल हैं। ये सभी तागिन समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। ये सभी जंगल में गए थे। दो अन्य ग्रामीण, जो अपहर्त व्यक्तियों के साथ गए थे और किसी तरह भागने में कामयाब रहे थे, उन्होंने लोगों को घटना के बारे में बताया।
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बता दें कि भारत-चीन सीमा ऊपरी सुबासिरी जिले के मुख्यालय दापोरिजो से लगभग 170 किलोमीटर दूर है, जो राज्य की राजधानी ईटानगर से 280 किलोमीटर दूर है। अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में ग्रामीण हमेशा पैदल ही जाने पर मजबूर होते हैं, क्योंकि वहां कोई उचित सड़क नहीं है। अरुणाचल प्रदेश की चीन के साथ 1,080 किलोमीटर की सीमा लगती है। जबकि म्यांमार के साथ 520 किलोमीटर और भूटान के साथ 217 किलोमीटर की सीमा लगती है।
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