कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को जाति जनगणना मुद्दे पर रुख बदलने के लिए केंद्र पर कटाक्ष किया और कहा कि बीजेपी ने अचानक फैसला किया है कि सभी से राय लेने के बाद कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक 'आरक्षण' नीति है, तब तक जाति की गिनती होना तर्कसंगत है।
एक्स पर एक पोस्ट में चिदंबरम ने कहा, "जाति जनगणना के वादे को 'फूट डालो और राज करो' कहकर खारिज करने के बाद, बीजेपी ने अचानक निष्कर्ष निकाला है कि इस मुद्दे पर निर्णय 'सभी से परामर्श' के बाद लिया जाएगा।"
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उन्होंने कहा कि लगभग हर दूसरे राजनीतिक दल ने जाति जनगणना के विचार का समर्थन किया है। चिदंबरम ने कहा, "जब तक 'आरक्षण' नीति है, यह तर्कसंगत है कि जाति की गणना की जानी चाहिए।"
चिदंबरम की यह टिप्पणी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के शुक्रवार के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने कभी भी जाति जनगणना के विचार का विरोध नहीं किया, लेकिन वह सभी से परामर्श करने के बाद इस पर उचित निर्णय लेगी।
उनका यह बयान कांग्रेस और कुछ अन्य पार्टियों द्वारा इस कवायद को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की जोरदार मांग के बीच आया है। शाह बीजेपी के राज्य कार्यालय में इस महीने होने वाले छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए पार्टी के घोषणापत्र के लॉन्च के अवसर पर संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
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