पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि सरकार के सभी अर्थशास्त्री इस बार पेश किए गए केंद्रीय बजट के प्रावधानों के खिलाफ बोल रहे है, जिससे बजट के खिलाफ बढ़ रहे असंतोष की भावना मजबूत हो रही है। चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, "बजट के प्रावधानों के विरुद्ध असंतोष बढ़ता जा रहा है। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने बजट में संरक्षणवादी सीमा शुल्क की आलोचना की है।"
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उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य डा. राठिन रॉय ने भी डाक्टर पनगढ़िया का समर्थन किया है। पीएमइएसी के एक अन्य सदस्य सुरजीत भल्ला ने भी लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर यानी लांग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स का विरोध किया है।"
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चिदंबरम ने कहा, "नीति आयोग के वाइस चेयरमैन डॉ. राजीव कुमार ने भी उम्मीद जताई है कि यह उपाय अस्थायी हों।"
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उन्होंने एनएसई और बीएसई द्वारा दूसरे शेयर बाजारों के साथ डाटा साझा करने पर लगी पाबंदी को सरकार द्वारा प्रायोजित करार देते हुए कहा कि दुनिया भर के शेयर बाजारों ने इसका विरोध किया है।
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उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने भी पांच किस्म के टैक्स लगाने को लेकर चेताया है कि कैसे इससे पूंजीगत निवेश पर असर पड़ सकता है।
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