कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने एक बार फिर नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा है कि सीएए के मुद्दे पर लोगों की आवाज दबाई जा रही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “पीएम का कहना है कि सीएए का मतलब नागरिकता देना है, इसे छीनना नहीं। हम में से कई लोगों का मानना है कि सीएए (एनपीआर या एनआरसी के साथ मिलकर) कई व्यक्तियों को "गैर-नागरिक" घोषित करेगा और नागरिकता ले जाएगा।”
Published: 13 Jan 2020, 11:41 AM IST
चिदंबरम ने आगे कहा, “पीएम उच्च मंच से मूक दर्शकों से बात करते हैं और सवाल नहीं लेते। हम मीडिया के माध्यम से बात करते हैं और मीडिया के लोगों से सवाल को लेकर तैयार रहते हैं।”
Published: 13 Jan 2020, 11:41 AM IST
कांग्रेस नेता ने कहा, “पीएम अपने आलोचकों से बात नहीं कर रहे हैं। आलोचकों के पास पीएम से बात करने का अवसर नहीं है। पीएम के पास एकमात्र तरीका यह है कि वो अपने सबसे मुखर आलोचकों में से पांच का चयन करें और उनके साथ टेलीविजन पर प्रश्न और उत्तर सत्र करें। लोगों को चर्चा को सुनने और सीएए पर अपने निष्कर्ष पर पहुंचने दें। मुझे पूरी उम्मीद है कि पीएम इस सुझाव पर अनुकूल प्रतिक्रिया देंगे।”
Published: 13 Jan 2020, 11:41 AM IST
गौरतलब है कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सीएए के खिलाफ देश भर में लोग सड़कों पर हैं और केंद्र की मोदी सरकार से नागरिकता संशोधन कानून वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, मोदी सरकार जनता की आवाज को लगातार दरकिनार कर रही है। सरकार जनता की आवजा सुनने को बिलकुल भी तैयार नहीं है। पीएम मोदी, उनके मंत्री और बीजेपी के नेता लगातार विवादित बयान दे रहे हैं और विरोध प्रदर्शन के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, लेकिन चर्चा के लिए तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि चिदंबरम पीएम मोदी को को यह चैलेंज किया है।
Published: 13 Jan 2020, 11:41 AM IST
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Published: 13 Jan 2020, 11:41 AM IST