छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के रुझानों से यह साफ जाहिर हो गया है कि यहां बीजेपी को कड़ी मात खानी पड़ेगी, जिसकी उम्मीद शायद किसी को नहीं थी। कुछ एग्जिट पोल में कांग्रेस की जीत का अनुमान तो लगाया गया था, लेकिन जीत इतने बड़े अंतर से होगी ऐसा आभास नहीं था। अब तक मिले रुझानों के अनुसार, कांग्रेस 67, बीजेपी 16 और अन्य 7 सीटों पर आगे हैं।
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अभी तक 83 सीटों के रुझान दिख रहे हैं, जिसमें कांग्रेस को 59, बीजेपी को 17 और अन्य को 7 सीटें मिलती हुई दिख रही हैं। वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस को 43 और बीजेपी को 32 फीसदी वोट मिले हैं।
विशेषज्ञ बीजेपी ही इतनी बड़ी हार के पीछे कई कारण बता रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यही है कि 2013 से राज्य में बीजेपी की सरकार है जिसका नेतृत्व रमन सिंह कर रहे हैं। तो एक तरह से देखा जाए तो ऐसे परिणाम के पीछे सत्ता-विरोधी लहर एक मुख्य वजह है।
इसके अलावा राज्य में लंबे समय से किसान नाराज हैं और अपनी उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर आंदोलन करते रहे हैं। यह साफ तौर कहा जा सकता है कि रमन सिंह सरकार को उनके गुस्से का निशाना बनना पड़ा है।
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कांग्रेस ने किसानों के इस गुस्से को देखते हुए अपने घोषणा-पत्र में किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था और ऐसा लगता है कि चुनावों में इसका असर भी हुआ। इसके अलावा कांग्रेस ने युवाओं और महिलाओं की बेहतरी के लिए भी कई वादे किए जिसकी वजह से उसे इस तरह का समर्थन प्राप्त हुआ है।
यह जगजाहिर है कि छत्तीसगढ़ आदिवासी-दलित बहुल राज्य है और रुझानों से साफ पता चल रहा है कि उनकी बहुतायत वाले ज्यादातर क्षेत्रों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में निष्कर्ष के तौर पर कहा जा सकता है कि समाज के सभी हिस्से रमन सिंह सरकार के खिलाफ थे जिसका सीधा असर चुनाव नतीजों में दिखा।
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