देश में कोरोना संकट के बीच बड़ी संख्या में लोग पीएम केयर्स फंड में दान कर रहे हैं। इस बीच विपक्षी दलों और जनता की ओर से लगातार यह मांग की जा रही है कि मोदी सरकार पीएम केयर्स फंड का हिसाब दे और बताए कि वह पीएम केयर्स फंड में मिल रहे पैसे का किस तरह और कहां खर्च कर रही है। लोगों की मांग के बावजूद केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड का अब तक हिसाब नहीं दिया है। इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी पहल की है। सीएम भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री राहत कोष का हिसाब जनता के सामने रख दिया है।
Published: 11 May 2020, 1:49 PM IST
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मैं आप सबके बीच ‘मुख्यमंत्री सहायता कोष’ का हिसाब रख रहा हूं। मैं बताना चाहूंगा कि बीते 24 मार्च से लेकर 7 मई तक मुख्यमंत्री सहायता कोष में विभिन्न दान दाताओं के द्वारा कुल 56 करोड़ 4 लाख 38 हजार 815 रुपए की राशि प्राप्त हुई है।”
Published: 11 May 2020, 1:49 PM IST
सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा, “इस फंड से कोरोना की रोकथाम एवं जरूरतमदों की सहायता के लिए राज्य के सभी जिलों को 10 करोड़ 25 लाख 30 हजार रूपए की राशि जारी की जा चुकी है। संकट के समय में आप सरकार पर इतना भरोसा जता रहे हैं तो पारदर्शिता को बरकरार रखना मेरा भी कर्तव्य है। विश्वास है आपका सहयोग आगे भी मिलेगा।”
Published: 11 May 2020, 1:49 PM IST
पीएम केयर्स फंड को कोरोना महामरी से लड़ने के लिए खास तौर पर केंद्र सरकार ने बनाया है। यह सवाल पूछा जा रहा है कि जब सालों से प्रधानमंत्री राहत कोष मौजूद है तो फिर एक नए फंड कि जरूरत क्यों आन पड़ी? कई लोग नए कोष यानी पीएम केयर्स फंड को 'घोटाला' करार दे रहे हैं तो कुछ जगहों पर कहा जा रहा है कि नया फंड इसलिए बनाया गया, क्योंकि शायद यह नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक या कैग की परिधि से बाहर होगा जिसकी वजह से कोष से किए गए खर्च और उनके इस्तेमाल पर किसी की नजर नहीं रहेगी। कांग्रेस भी इस संबंधन में केंद्र की मोदी सरकार से सवाल पूछ चुकी है।
Published: 11 May 2020, 1:49 PM IST
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Published: 11 May 2020, 1:49 PM IST