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छत्तीसगढ़: नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा पर मुठभेड़ में अब तक 31 नक्सली मारे गए, बड़ी मात्रा में हथियार-गोला बारूद बरामद

छत्तीसगढ़ के गठन के 24 साल बाद यह सुरक्षाबलों का अब तक का सबसे बड़ा अभियान है जब एक ही मुठभेड़ में 31 नक्सली मारे गए हैं। इससे पहले 16 अप्रैल को कांकेर जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे।

छत्तीसगढ़ में पुलिस से मुठभेड़ में अब तक 31 नक्सली मारे गए।
छत्तीसगढ़ में पुलिस से मुठभेड़ में अब तक 31 नक्सली मारे गए। 

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा पर माड़ इलाके में पुलिस के साथ मुठभेड़ में अब तक 31 नक्सली मारे गए हैं। आईजी बस्तर पी सुंदरराज ने बताया कि मुठभेड़ में अब तक कुल 31 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। तलाशी अभियान जारी है। CRPF/DRG के अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी भेजे गए हैं। एलएमजी राइफल, एके 47 राइफल, एसएलआर राइफल, इंसास राइफल, कैलिबर 303 राइफल और अन्य हथियार बरामद किए गए हैं। डीआरजी का एक जवान घायल हुआ है और खतरे से बाहर है।

बूझमाड़ क्षेत्र में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी। सुरक्षाबलों ने देर रात तक 28 नक्सलियों के शव बरामद किए थे। इलाके में अब भी तलाशी अभियान जारी है। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि शुक्रवार को जिस जगह पर मुठभेड़ हुई थी, उसके आस-पास के क्षेत्र से आज सुबह तीन अन्य नक्सलियों के शव बरामद किए गए। सुंदरराज ने बताया कि इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है।

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उन्होंने कहा, "नक्सलियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि वे माओवादियों की पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) कंपनी नंबर छह, प्लाटून 16 और माओवादियों के पूर्वी बस्तर डिवीजन से थे।"

सुंदरराज ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले के बारसूर थाना और नारायणपुर जिले के ओरछा थाना क्षेत्र के अंतर्गत गवाड़ी, थुलथुली, नेंदूर और रेंगावाया गांव के मध्य पहाड़ी पर माओवादियों के कंपनी नंबर छह तथा पूर्वी बस्तर डिवीजन आदि के नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी। सूचना के बाद बृहस्पतिवार दोपहर बाद दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले से डीआरजी और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के जवानों के संयुक्त दल को रवाना किया गया था।

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उन्होंने बताया कि शुक्रवार को जब सुरक्षाबल के जवान क्षेत्र में थे तब नक्सलवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाबल के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की थी। दोनों ओर से देर तक गोलीबारी होती रही। मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने 28 नक्सलियों के शव बरामद किए थे।

छत्तीसगढ़ के गठन के 24 साल बाद यह सुरक्षाबलों का अब तक का सबसे बड़ा अभियान है जब एक ही मुठभेड़ में 31 नक्सली मारे गए हैं। इससे पहले 16 अप्रैल को कांकेर जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे।

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अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान माओवादियों द्वारा दागे गए अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) के गोले में विस्फोट होने से राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान घायल हो गया।

सुंदरराज ने बताया कि सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल से एके-47 राइफल, एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल), इंसास राइफल, एलएमजी राइफल और .303 राइफल समेत हथियारों का जखीरा भी बरामद किया है।

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस सफल अभियान के लिए सुरक्षा बलों की सराहना की है और कहा है कि 'डबल इंजन' सरकार (राज्य और केंद्र में बीजेपी सरकार) नक्सली खतरे को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्प है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मुठभेड़ के बाद इस वर्ष अब तक दंतेवाड़ा और नारायणपुर समेत सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने 188 माओवादियों को ढेर किया है।

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