लोक आस्था के महापर्व छठ में गंगा तट पर उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर और व्रतियों को सूर्य को अर्घ्य देने की सुविधा के लिए प्रशासन छठ घाटों को तैयार करने में जुटा है। इस दौरान पटना के 22 घाटों को खतरनाक घोषित कर दिया गया है। पटना के 38 तालाबों को भी छठ व्रत के लिए तैयार किया जा रहा है।
Published: 29 Oct 2019, 7:59 PM IST
पटना में बारिश और गंगा में आई बाढ़ के बाद प्रशासन को छठ घाट तैयार करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। जिला प्रशासन ने पटना के 22 छठ घाटों को खतरनाक घोषित करते हुए उसे लाल कपडों से घेर दिया है। कई घाटों में जाने के लिए दलदल को देखते हुए बालू डालकर रास्ता बनाए जा रहे हैं।
Published: 29 Oct 2019, 7:59 PM IST
पटना जिला के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दानापुर से लेकर पटना सिटी तक 90 से अधिक घाटों को छठ व्रतियों के लिए तैयार किया जा रहा है। गंगा तट पर घाट बनाने की तैयारी चल रही है और कुछ जगहों पर व्रतियों की सुविधा को सीढ़ीनुमा घाट भी बनाए गए हैं। नदी में अधिक पानी वाले क्षेत्रों में बैरिकेडिंग की जा रही है।
Published: 29 Oct 2019, 7:59 PM IST
वैसे, कुछ घाटों तक पहुंचना अभी भी आसान नहीं दिख रहा है। कई घाटों तक जाने के लिए अभी भी रास्ते में दलदल की स्थिति बनी हुई है। गौरतलब है कि पटना में गंगा तट पर छठ व्रत को लेकर शाम और सुबह श्रद्घालुओं का जनसैलाब उमड़ता है। इस वर्ष चार दिवसीय छठ पर्व 31 अक्टूबर को नहाय-खाय से प्रारंभ होगा। एक नवंबर को व्रतियां खरना करेंगी, जबकि दो नवंबर को सांध्यकालीन अर्घ्यदान और तीन नवंबर को प्रात:कालीन अर्घ्यदान किया जाएगा।
Published: 29 Oct 2019, 7:59 PM IST
पटना प्रमंडल के आयुक्त संजय अग्रवाल ने बताया कि पटना, रोहतास बक्सर, भोजपुर, कैमूर और नालंदा जिले में छठ व्रत के मद्देनजर गंगा सहित अन्य नदियों के घाटों पर एनडीआरएफ, एसडीआरफ और स्थानीय गोताखोरों को तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में गंगा घाट की मरम्मत करने का कार्य अंतिम चरण में है। गंगा किनारे सफाई, रौशनी, यातायात और शांति व्यवस्था के लिए संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
Published: 29 Oct 2019, 7:59 PM IST
इधर, पटना में 38 तालाबों को भी छठ पूजा को लेकर तैयार किया जा रहा है। पटना में बड़ी संख्या में लोग स्थानीय तालाबों में छठ पूजा करते हैं। पटना के नगर आयुक्त अमित कुमार पांडेय ने बताया कि सभी कार्यपालक पदाधिकारियों को तालाबों की साफ-सफाई और बैरिकेडिंग का काम करने कके निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि साल 2012 में पटना में सूर्य को अर्घ्य देने के बाद वापस लौट रहे लोगों के बीच भगदड हो जाने से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गयी थी।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 29 Oct 2019, 7:59 PM IST
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Published: 29 Oct 2019, 7:59 PM IST