छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ वीरनी पुरस्कारों का ऐलान कर दिया है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के जन्मदिवस 14 अप्रैल को एक वर्चुअल कार्यक्रम में पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
पुरस्कार पाने वालों में छत्तीसगढ़ और देश के अन्य हिस्सों की वे महिलाएं शामिल हैं जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम किया है। इनमें कानून, शिक्षा, साहित्य, इतिहास, संगीत, बिजनेस, खेल, कानून व्यवस्था और सामाजिक कार्यों से जुड़ी महिलाएं हैं। जिन प्रतिभावान महिलाओं को सम्मानित किया जा रहा है उमें तीजन बाई, दुती चंद, शुभा मुदगल, रेबेका ज़न, सबा हाजी, राना सफवी, बुधरी ताती, केशकुंवर पनिका, अमिता श्रीवास, लक्ष्मी कर्यारे, अमीरा शाह, यशिका गुप्ता और सविता अवस्थी शामिल हैं।
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इन पुरस्कारों को स्मार्ट सिटी रायपुर के मेयर ऐजाज़ धेबर ने शुरु किया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन पुरस्कारों को प्रदान करेंगे। पुरस्कार विजेताओं को स्थानी लोककला, हस्तकला और कलाकारी को प्रतिनिधित्व करता हुआ हैंपर दिया जाएगा। सरकार ने राज्य के मंझे हुए कलाकारों के साथ मिलकर डोकरा ट्राइबल आर्ट की ट्रॉफी तैयार कराई हैं। इसमें एक महिला को दिखाया गया है जो स्वंय को ही ताज पहना रही है। इस बहाने सरकार अपने उस संकल्प को प्रदर्शित करना चाहती है कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबरी के अवसर दिए जाते हैं।
इसके अलावा पुरस्कार विजेताओं को दी जाने वाली शॉल और साड़ियां भी हथकरघा सहकारी समिति से बनवाई गई हैं जो टसर और कोसा सिल्क से शानदार डिजाय के लिए मशहूर है। छत्तीसगढ़ की असाधारण परंपरा के अलावा भी न्य आयाम भी इन शॉल और साड़ियों से जुड़े हैं। इन पुरस्कारों का ऐलान 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवसपर किया गया था। और अब इन पुरस्कारों को विजेताओं की सूची जारी हुई है।
पुरस्कार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उस संकल्प को भी दर्शाती है जिसमें महिलाओं को हर क्षेत्र में सशक्त और सम्मानित करने की बात थी। इस संकल्प के मुताबिक किसी भी देश की अर्थव्यवस्था और समाज तभी तरक्की कर सकता है जब वहां कि महिलाएं प्रगति के पथ पर हों। पुरस्कारों की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, “महिला दिवस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने उस संकल्प को दोहराया है जिसमें हर दिन महिलाओं की स्वतंत्रता, सशक्तिकरण और उनकी रचनात्मकता का उत्सव मनाया जाना चाहिए। इसके लिए हमारी सरकार ने कई नीतियां बनाई हैं और कार्यक्रम शुरु किए हैं ताकि हर क्षेत्र में महिलाओँ को बराबरी के अवसर मिल सकें।”
उन्होंने कहा कि, “हमारा विश्वास है कि महिलाओं को शिक्षा, संसाधनों और अधिकारों से से सशक्त करने से हमारी अर्थव्यवस्था, समाज, परिवार और सांस्कृतिक क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित होंगे। बाबा साहेब आंबेडकर के जन्मदिन पर दिए जाने वाले इन पुरस्कारों के जरिए हम राष्ट्र निर्माण में दलितों और महिलाओँ के योगदान का भी उत्सव मनाएंगे।”
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