कांग्रेस ने सिविल सेवा में कैडर आवंटित करने के नियमों में प्रस्तावित बदलाव का विरोध करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मकसद सिर्फ संस्थाओं को नष्ट करना है।
कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री का मकसद सिर्फ संस्थाओँ को नष्ट करना है और कुछ नहीं। कांग्रेस ने सिविल सेवाओं में कैडर आवंटन के नियमों में बदलाव के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि इससे संघ लोक सेवा आयोग की वरीयता सूची के कोई मायने नहीं रह जाएंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, “मोदी जी ने सिविल सेवाओं की वरीयता के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया है, उससे इस संस्था को नुकसान होगा।” उन्होंने कहा कि नए नियमों से सरकारों को कैडर आवंटन में मनमर्जी करने की छूट मिल जाएगी, जो कि अक्षम्य है। सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में उस प्रस्ताव की प्रति भी संलग्न की, जिसमें कैडर आवंटन के नियमों में बदलाव की बात कही गई है।
Published: 21 May 2018, 8:56 PM IST
वहीं कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि सिर्फ फाउंडेशन कोर्स के आधार पर आईएएस-आईपीएस की वरीयता तय करना नामंजूर है। उन्होंने कहा कि यह उन मेहनती ओबीसी, दलितों और आदिवासी छात्रों के साथ ज्यादती है, जो दिन-रात एक कर इस मुकाम तक पहुंचते हैं। इससे आने वाले दिनों में उनके लिए मौके कम होंगे। उन्होंने इसे आरक्षण में बदलाव की एक और साजिश करार दिया है।
Published: 21 May 2018, 8:56 PM IST
इसके अलावा कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, “इस सबके लिए संविधान में तय नियम हैं, कि जो लोग चुने जाते हैं, उन्हें वरीयता के आधार पर कैडर दिया जाता है। लेकिन पीएमओ के इशारों पर चलने वाली यह सरकार भारतीय सिविल सेवा की निष्पक्षता से समझौता करना चाहती है। यह एक उल्लंघन है।” उन्होंने सरकार को ऐसा न करने की चेतावनी दी। उन्होंने इसे संघ के इशारे पर नौकरशाही के भगवाकरण की संज्ञा दी। आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में उठाएगी।
(विश्वदीपक के इनपुट के साथ )
Published: 21 May 2018, 8:56 PM IST
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Published: 21 May 2018, 8:56 PM IST