साल का आखिरी चंद्रग्रहण आज लगेगा। चंद्रग्रहण को भारत के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। चंद्रग्रहण का सूतक काल भारतीय समयानुसार सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर शुरू हो गया है। भारत में चंद्रग्रहण शाम 5 बजकर 20 मिनट से दिखाई देना शुरू होगा और शाम 6 बजकर 20 मिनट पर खत्म हो जाएगा।
Published: 08 Nov 2022, 8:56 AM IST
किसे कहते हैं सूतक काल?
चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण से पहले के समय को सूतक काल कहा जाता है। चंद्रग्रहण के दौरान सूतक काल 9 घंटे पहले लागू हो जाता है, जबकि सूर्यग्रहण के दौरान सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है। ग्रहण के दौरान सूतक काल का काफी महत्व होता है।
Published: 08 Nov 2022, 8:56 AM IST
सूतक काल के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
ज्योतिषियों के अनुसार, सूतक काल के दौरा कई ऐसे काम हैं, जिसे नहीं करा चाहिए। इसलिए सूतक काल शुरू होने से पहले कुछ कामों को निपटा लेना चाहिए। वह कौन से काम हैं, जिन्हें सूतक काल के दौरान नहीं करना चाहिए।
मान्यता है कि सूतक काल में खाना नहीं बनाना चाहिए। इसलिए सूतक से पहले ही खाना बनाकर रख लें। मान्यता है कि सूतक काल को दूषित काल माना जाता है, इसलिए इस समय खाना बनाने से बचना चाहिए। यह नियम वृद्ध, बीमार और गर्भवती महिलाओं पर लागू नहीं होता।
ज्योतिषियों के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान भगवान की पूजा नहीं की जाती। ऐसे में घर और मंदिरों में भगवान के कपाट बंद रखना चाहिए। इसके अलावा प्रतिमाओं को छूने से भी बचना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद नहाकर मंदिर के कपाट खोलें और फिर मंदिर धोएं। इसके बाद ही पूजा करें।
ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए। ऐसा करने से खाने की चीजें ग्रहण के प्रभाव से बच जाती हैं, इसलिए खाने-पीने की चीजों में डालने के लिए तुलसी के पत्ते सूतक से पहले ही तोड़ लेना चाहिए। सूतक और ग्रहण के दौरान पेड़ को भी नहीं छूना चाहिए।
Published: 08 Nov 2022, 8:56 AM IST
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Published: 08 Nov 2022, 8:56 AM IST