हालात

चमोली त्रासदी: तपोवन सुरंग में जिंदगियों को बचाने के लिए जंग जारी, अब तक 32 शव बरामद, 206 अभी भी लापता

उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा में आई जल प्रलय से 206 लोग अभी भी लापता हैं, इनमें से टनल में फंसे हुए करीब 35 मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है। वहीं, 32 शव निकाले जा चुके हैं, इनमें से 8 की शिनाख्त हो गई है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

उत्तराखंड के चमोली में तपोवन सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हादसे के तीसरे दिन भी बचाव कार्य जारी है। लेकिन अब भी बचावकर्मी सुरंग के अंदर फंसे लोगों से संपर्क नहीं कर पाई हैं। बताया जा रहा है कि 2.5 किलोमीटर लंबी इस NTPC हाइडल प्रोजेक्ट सुरंग में करीब 35 लोग फंसे हैं। वहीं इस हादसे में अब तक 32 शव बरामद कर लिया गया है। जबकि कुल 206 लोग लापता बताए जा रहे हैं।

Published: undefined

दूसरी ओर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि रैणी से लेकर नदी तटों के सभी स्थलों पर भी व्यापक खोजबीन की जा रही है, ताकि लापता लोगों का पता लग सके। उन्होंने कहा कि अगर लोगों की पहचान हो सके तो ठीक है, नहीं तो उनके डीएनए की जांच कर रिकार्ड सुरक्षित रखने के प्रयास किये जा रहे हैं।

वहीं इस भयावह त्रासदी में लोग अपनों की तलाश कर रहे हैं और जल्द मिलने की आस लगाए बैठे हैं। इस हादसे में बाल-बाल बचे दीपक फर्सवान बचाव कार्य का अवलोकन करने और अपने लापता दोस्तों की तलाश करने के लिए चमोली जिले के आपदा प्रभावित तपोवन हाइडल प्रोजेक्ट क्षेत्र गए।

Published: undefined

27 वर्षीय फर्सवान तपोवन के समीप रिनजी गांव के रहने वाले हैं। आपदा के समय उन्होंने एक पहाड़ी पर चढ़कर अपनी जान बचाई थी। लेकिन, उनके 22 वर्षीय मित्र मनोज सिंह नेगी उतने भाग्यशाली नहीं थे। फार्सवान जहां काम करते हैं, वहीं नेगी भी काम करते थे। जान बचाने की कवायद में पहाड़ी पर चढ़ते समय उनका पैर फिसल गया और तेज रफ्तार प्रवाह में बह गए।

फर्सवान ने बताया, "रविवार को सुबह 10 बजकर 40 मिनट हो रहे थे। हम दोनों बांध के पास काम कर रहे थे कि अचानक तेज हवा का झोंका आया। मुझे किसी अनहोनी की आशंका हुई और मैंने देखा कि कुछ लोग पहाड़ी की ओर भाग रहे हैं। मैं भी तेजी से पहाड़ी की ओर भागा।"

Published: undefined

रुंधे गले से उन्होंने बताया कि जब मैं पहाड़ी पर चढ़ रहा था, तो मैंने देखा कि नेगी भी मेरे पीछे-पीछे आ रहा था। लेकिन, चंद सेकंड में वह नजरों से ओझल हो गया। नेगी मेरा घनिष्ठ मित्र है, क्योंकि हम दोनों बांध पर साथ ही काम करते थे। 10 से 20 सेकंड की बात थी कि अचानक पानी की एक बड़ी परियोजना स्थल से टकराई और अपने साथ मौत और विनाश का पैगाम भी लाई।

नेगी के परिवार में माता-पिता के अलावा दो बहनें हैं। वह परिवार में कमाने वाले अकेले सदस्य थे। उनके पिता ने बढ़ती उम्र के कारण काम करना छोड़ दिया है। बहरहाल, परिवार ने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है।

Published: undefined

फर्सवान ने कहा, "हम चमत्कार में विश्वास करते हैं। मेरा दोस्त जरूर आएगा। नेगी की तरह लगभग 197 लोग अभी भी लापता हैं और उनके परिजनों की उम्मीद अभी पूरी तरह धूमिल नहीं हुई है।"

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined