उत्तराखंड के हालिया बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र में एक झूला ब्रिज बन रहा है, जो जल्द ही 13 गांवों में रहने वाले सैकड़ों लोगों को जोड़ेगा। 7 फरवरी को आई बाढ़ के बाद देश के बाकी हिस्सों से गांवों ने सड़क संपर्क खो दिया। बाढ़ के कारण इस क्षेत्र में रैनी पुल बह गया। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) फोर्स ने 13 गांवों को फिर से जोड़ने की जिम्मेदारी ली है। आईटीबीपी बचाव कार्य में भी लगी हुई है।
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आईटीबीपी के जवानों ने जोशीमठ क्षेत्र में स्थित एक मध्यम आकार के गांव भांगयुल को जोड़ने के लिए धौलीगंगा नदी के पार गुरुवार सुबह से झूला ब्रिज का निर्माण शुरू किया। भांगयुल और रैनी उन गांवों में से हैं, जो आपदा के बाद सड़क संपर्क खो चुके हैं। ऐसा अनुमान है कि इन गांवों में से प्रत्येक में लगभग 100 से 200 लोग रहते हैं।
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आईटीबीपी के सोमवार से फंसे ग्रामीणों को राशन पैकेट और राहत सामग्री मुहैया करा रहे हैं।
आईटीबीपी के एक अधिकारी ने कहा कि अर्धसैनिक बल ने उन कटे हुए गांवों में राहत सामग्री की आपूर्ति की देखरेख के लिए लता गांव में एक फील्ड कंट्रोल स्टेशन भी स्थापित किया है।
आपदा प्रभावित क्षेत्र में 450 से अधिक आईटीबीपी कर्मी बचाव और राहत कार्य में लगे हुए हैं।
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