लोकसभा चुनाव के पास आते ही एक बार फिर मोदी सरकार द्वारा उसी ताकत का इस्तेमाल किया जा रहा है जो अमूमन चुनाव के समय देखा जाता है। चुनाव के नजदीक आते ही बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव पर दबाव बनाया जाने लगा है। दरअसल, मोदी सरकार ने लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव पर केस चलाने की सीबीआई को मंजूरी दे दी है।
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CBI को गृह मंत्रालय से लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की अनुमति मिली है। सीबीआई ने यह जानकारी राउज एवेन्यू कोर्ट को दी। हालांकि, इस मामले में आरोपी तीन अधिकारियों पर केस चलाने की अनुमति सरकार से नहीं मिली है।
सीबीआई ने इस मामले में 3 जुलाई को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में पहली बार तेजस्वी यादव का नाम आया था। सीबीआई ने लालू यादव, राबड़ी देवी समेत इस मामले में 16 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें रेलवे के आरोपी अधिकारियों और नौकरी लेने वालों के नाम भी शामिल हैं।
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लैंड फॉर जॉब मामला 14 साल पुराना है। उस समय लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी और फिर उनको रेलवे में नौकरी दी। इस घोटाले के आरोप में रेलवे के भी कई अफसरों को सीबीआई ने आरोपी बनाया हुआ है।
जाहिर सी बात है अगर लालू यादव चुनाव के दौरान जेल से बाहर रहे तो इसका असर चुनाव पर पड़ेगा वो चुनाव प्रचार करेंगे, जिसका नतीजा बीजेपी और एनडीए को बिहार में भुगतना पड़ सकता है। माना जा रहा कि यही वजह है कि लालू यादव पर चुनाव से ठीक पहले इस तरह का दबाव बनाया जा रहा है।
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