पश्चिम बंगाल और हरियाणा समेत देश के अलग-हिस्सों में सेंट्रल ट्रेड यूनियन के 48 घंटे के भारत बंद का असर दिखने लगा है। पश्चिम बंगाल में लेफ्ट कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे हैं। बंगाल के जादवपुर में लेफ्ट कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, हावड़ा में कर्मचारियों ने सड़क पर उतर कर बंद कराया।
वहीं, हरियाणा में हड़ताल में भी भारत बंद का असर देखा जा रहा है। बंद की वजह से 3 हजार बसों के पहिए थम गए हैं। हरियाणा में कई मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी लंबे समय विरोध जता रहे हैं। पुरानी पेंशन बहाली, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना और निजीकरण के खिलाफ बंद बुलाया गया है। हरियाणा में कर्मचारियों ने बंद का पूरा समर्थन किया है। बंद दो दिन जारी रहेगा। बंद की वजह से जींद में दिल्ली-आगरा और अन्य लंबे रूटों की सेवाएं बाधित हो गई हैं।
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यूनियन ने कहा कि यह बंद सरकार की कर्मचारियों, किसानों और आम नागरिकों को प्रभावित करने वाली नीतियों के खिलाफ 28 और 29 मार्च को बंद बुलाया गया है। यूनियन के अनुसार, केंद्र की मोदी सरकार लगातार कर्मचारियों को निशाना बना रही है। सरकार ने हाल ही में पीएफ पर मिलने वाले ब्याज में 8.5 फीसदी से 8.1 फीसदी कटौती की है। इसके अलावा पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतें बढ़ रही हैं। बैंक यूनियनों ने दो दिवसीय 28 और 29 मार्च को हड़ताल की घोषणा की है बैंक कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ बंद में शामिल हुए हैं।
देश में बड़ी संख्या में कर्मचारी बंद में हिस्सा ले रहे हैं। ऐसै में बंद का असर बैंक, रेलवे-सड़क परिवहन और बिजली जैसी सेवाओं पर पड़ सकता है। सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने बयान जारी कर बताया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और क्षेत्रीय संघों ने हाल ही में दिल्ली में एक बैठक की थी। बैठक में भारत बंद की तैयारियों का जायजा लिया गया था। यूनियन के अनुसार,केंद्र सरकार की जनविरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ भारत बंद बुलाया गया है।
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