राहुल गांधी ने किसानों के नाम अपने संदेश में कहा है कि मेरे प्यारे अन्नदाताओं, आपके तप, संघर्ष और बलिदान के दम पर मिली ऐतिहासिक जीत की बहुत-बहुत बधाई। मैं आपके इस संघर्ष में 700 से अधिक किसान-मजदूर भाई-बहनों द्वारा दी गई कुर्बानी के लिए नतमस्तक हूँ।
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
कांग्रेस विधायक और पंजाब इकाई के पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कृषि कानूनों से बड़ा मुद्दा है क्योंकि यह किसानों की जीवन रेखा है।
उन्होंने ट्वीट करके लिखा किएमएसपी कृषि कानूनों से बड़ा मुद्दा है, यह भारतीय किसानों की जीवन रेखा है। अगर केंद्र सरकार वास्तव में किसानों की आय दोगुनी करने और स्वामीनाथन रिपोर्ट के सी 2 फॉमूर्ला को स्वीकार करने के अपने वादे को पूरा करना चाहती है, तो उन्हें इस मांग को स्वीकार करना चाहिए।
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आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव मोदी सरकार से सवाल किया कि इन काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गए 700-750 किसानों के परिवारों का क्या? लालू ने कहा कि विधानसभा चुनाव करीब होने की वजह से काले कानून वापस लिए गए हैं। लालू ने कहा कि वे इस मोर्चे पर हार गए हैं और उन्हें वहां (चुनाव में) भी हार का सामना करना पड़ेगा।
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, “जैसे-जैसे यूपी, पंजाब के चुनाव नजदीक आए और हरियाणा, पंजाब में लोगों ने बीजेपी का बहिष्कार करना शुरू कर दिया, उन्होंने कृषि कानूनों को निरस्त करने का यह फैसला लिया। हम यह नहीं भूल सकते कि इस सरकार के कारण किसान 1 साल तक धरने पर बैठने को मजबूर हुए।”
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कृषि कानूनों की वापसी पर राहुल गांधी ने कहा, “जीत उनकी भी है जो लौट के घर ना आए…हार उनकी ही है जो अन्नदाताओं की जान बचा ना पाए…।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कृषि कानून की वापस पर कहा कि आज सत्य, न्याय और अहिंसा की जीत हुई। पिछले 7 सालों से भाजपा ने लगातार खेती पर हमला बोला है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री MSP सुनिश्चित करेंगे व भविष्य में राज्य सरकारों, किसान संगठनों और विपक्षी दलों की सहमति बनाएंगे।
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
पंजाब उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, “पीएम मोदी की सरकार आज तक कहती रही कि तीनों कृषि कानूनों किसानों के लिए अच्छा है, अगर ये बहुत ही अच्छा था तो ये कानून आज क्यों वापस लिया गया? पहले उन्हें इसका जवाब देना चाहिए। क्या ये चुनाव की वजह से वापस लिया गया है? या और कोई मज़बूरी है।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा किसानों के संघर्ष की जीत हुई।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीनों कृषि कानून वापिस लेने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देर आए दुरुस्त आए, एक साल से किसान संघर्ष कर रहे थे। किसानों की हुई जीत। किसान आंदोलन में 700 किसानों की मौत हुई कांग्रेस शुरू से कहती आई है, किसानों की मौत के बाद नौकरी और आर्थिक सहायता की मांग की। लेकिन सरकार की और से अब तक कोई ऐलान नहीं किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम सम्बोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने का एलान किया।
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पीएम मोदी ने आज तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है और उन्होंने बहुत स्पष्टता के साथ अपनी बातें रखीं और बाकी जिसे बोलने का मन है वो बोलते रहें, सबको अपनी बात बोलने का अधिकार है तो वो बोलते हैं।
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मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जो कृषि कानून बिल पास किया गया था वो किसानों के हित में था लेकिन कुछ किसान नेताओं ने ऐतराज जताया इसलिए आज पीएम मोदी ने बड़े हृदय से उन कानूनों को वापस लिया है और जैसे ही लोकसभा का सत्र शुरू होगा वैसे ही इसे विधिवत तौर पर संसद में रखकर वापस लिया जाएगा।
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कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “हमारे 750 लोगों की मौत के बाद सरकार जाग गई। उन्होंने 3 कृषि कानूनों को कहां वापस लिया? कागज कहां हैं? कागज दिखाओ। हम विरोध जारी रखेंगे। जब कृषि कानून वापस लिए जाएंगे, हम लौटेंगे।”
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उन्होंने कहा, “एक नया अध्याय शुरू होने वाला है इस जीत का श्रेय कोई भी लेने की कोशिश न करें क्योंकि इस जीत का सारा श्रेय संयुक्त किसान मोर्चा के सत्याग्रह को जाता है। उन्हें बहुत बदनाम करने की कोशिश की गई लेकिन वो डटे रहे।”
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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “देर से ही सही पर दुरस्त आए हैं। प्रधानमंत्री का आभार है और किसानों को बधाई है। यह किसानों के संघर्ष के कारण हुआ है। बाकी बातें भी हैं, बैठकर उसका भी समाधान निकालना चाहिए।”
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किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा, “हम प्रधानमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हैं लेकिन इसका श्रेय किसान संगठन, किसान आंदोलन और संयुक्त किसान मोर्चा को जाता है। मैं किसानों को बधाई देता हूं। हमारा संघर्ष जारी रहेगा। एक दो-दिन में हम संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाएंगे उसमें फ़ैसला लेंगे।”
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कृषि कानून रद्द होने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “वह संसद में जाएं और जो भी कार्यवाही है (कृषि क़ानून वापस लेने की) उसको पूरा करें। आज संयुक्त किसान मौर्चा की बैठक है, उसमें सारी चीज़ें तय होगीं। हमारी एक कमेटी बनेगी जो अलग-अलग मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेगी।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
मोदी सरकार द्वारा कृषि कानून वापस लिए जाने पर समाजवादी पार्टी ने बीजेपी पर तंज कसा है। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर कहा, साफ नहीं है इनका दिल, चुनाव बाद फिर लाएंगे बिल।
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जब किसान संगठन 3 कृषि क़ानून के विरोध में आए थे तब सरकार ने हर स्तर पर संवाद का प्रयास किया, हो सकता है कि हमारे स्तर पर कमी रही हो कि हमने अपनी बात उन किसानों को समझाने में कहीं न कहीं विफल रहे जिसके कारण उनको आंदोलन का रास्ता लेना पड़ा।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “देश के किसान जीते हैं और नरेंद्र मोदी का अंहकार हारा है। भाजपा नेताओं द्वारा किसानों को कभी ठग, अंहकारी, कभी चीनी, पाकिस्तानी समर्थक क्या-क्या उनके लिए नहीं कहा गया।प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं को देश और किसानों से माफी मांगनी चाहिए।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, “आज का दिन भारतीय इतिहास में 26 जनवरी और 15 अगस्त की तरह लिखा जाएगा। केंद्र सरकार को किसानों के संघर्ष के आगे झुकना पड़ा और तीनों काले क़ानून वापस लेने पड़े। आज किसानों ने सभी सरकारों को बता दिया कि जनतंत्र में सरकारों को हमेशा जनता की बात सुननी पड़ेगी।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, “600 से अधिक किसानों की शहादत, 350 से अधिक दिन का संघर्ष, नरेंद्र मोदीजी आपके मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल कर मार डाला, आपको कोई परवाह नहीं थी। आपकी पार्टी के नेताओं ने किसानों का अपमान करते हुए उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही, गुंडे, उपद्रवी कहा, आपने खुद आंदोलनजीवी बोला।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा, “केंद्र सरकार ने कृषि क़ानूनों को देर से रद्द करने की घोषणा की है। यह फ़ैसला बहुत पहले ले लिया जाना चाहिए था। इसके लिए सभी किसानों को हार्दिक बधाई। यदि केंद्र सरकार यह फ़ैसला काफी पहले ले लेती तो देश अनेक प्रकार के झगड़ों से बच जाता।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की जो घोषणा की है मैं उसका स्वागत करता हूं। 75 साल किसान विरोधी नीतियों के कारण देश का किसान कर्ज़दार हो गया है, उसे फसलों के दाम नहीं मिले हैं।”
उन्होंने कहा, “इसके लिए किसान आयोग का गठन किया जाए। इसलिए किसानों का कर्ज़ा माफ करने की घोषणा करके किसान आयोग का गठन कर दो प्रधानमंत्री जी और किसान आयोग को फसलों के दाम तय करने का अधिकार दे दिए जाएं।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, “लोकतांत्रिक विरोध से जो हासिल नहीं किया जा सकता, वह आने वाले चुनावों के डर से हासिल किया जा सकता है! तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा नीति परिवर्तन या हृदय परिवर्तन से प्रेरित नहीं है। यह चुनाव के डर से प्रेरित है!”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ़ैसले का स्वागत किया है। हम संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेंगे। अगर ऐसा होता है तो यह भारत में एक साल के किसान संघर्ष की ऐतिहासिक जीत होगी।
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद गाजीपुर सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों ने किसान जिंदाबाद के नारे लगाए।
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
मोदी सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "यह किसानों की जीत है, जो कई दिनों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। 700 से ज्यादा किसानों की मौत के बाद अगर ये सरकार कृषि कानून वापस लेती है तो इससे पता चलता है कि यह सरकार किसानों के बारे में कितना सोचती है। साल भर से जो किसान और आम जनता का नुकसान हुआ है इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा? इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
कृषि कानून रद्द होने पर ऑल इंडिया किसान सभा महासचिव हन्नान मौला ने कहा, “मैं इस घोषणा का स्वागत करता हूं। जब तक सदन से इस घोषणा पर कार्यवाही नहीं होती है तब तक यह कोशिश संपूर्ण नहीं होगी। इससे हमारे किसानों की समस्या हल नहीं होगी। एमएसपी के लिए हमारा आंदोलन जारी है और जारी रहेगा।”
उन्होंने कहा, “26 नवंबर को किसान आंदोलन को एक साल होगा उस दिन पूरे देश में लाखों किसान रास्तों पर उतरेंगे। अभी आधी मांग पूरी हुई है। जब तक MSP एक्ट पास नहीं होगा, किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। इसके लिए हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
मोदी सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने पर राहुल गांधी ने कहा, “देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सिर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!”
राहुल गांधी ने अपना एक पुराना वीडियो भी ट्विट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि याद रखिए मोदी सरकार को कृषि विरोधी कानून को वापस लेने ही होंगे।
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, “आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। सभी किसानों को इसका स्वागत करना चाहिए, अब उन्हें अपने धरने समाप्त कर देने चाहिए।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा, “आज से तीनों कृषि कानून इस देश में नहीं रहेंगे। एक बड़ा संदेश देश में गया है कि देश एकजुट हो तो कोई भी फैसला बदला जा सकता है। चुनाव में हार के डर से प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानूनों का वापस लिया है। किसानों की जीत देशवासीयों की जीत है।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने सभी तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का ऐलान कर दिया है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “आज मैं आपको और पूरे देश को बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का फैसला किया है। मैं सभी आंदोलन किसान साथियों से आग्रह कर रहा हूं कि अब आप अपने-अपने घर और खेतों की तरफ लौटें।”
पीएम मोदी ने कहा, “मैंने अपने 5 दशक के सार्वजनिक जीवन में किसानों की परेशानियों और चुनौतियों को बहुत करीब से देखा और महसूस किया है। जब देश ने मुझे 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।”
Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST
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Published: 19 Nov 2021, 9:34 AM IST