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सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा- जम्म-कश्मीर में कभी भी चुनाव कराने के लिए तैयार, राज्य बनाने की तारीख नहीं बता सकते

सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से पूछा था कि जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा कब तक मिल पाएगा। इस पर आज सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम इसके लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सकते।

फोटोः सोशल मीडिया
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अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि हम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तीन चुनाव होने हैं। पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था लागू की गई है। सबसे पहले चुनाव पंचायतों के होंगे। लेह हिल डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव खत्म हो गए हैं और कारगिल के लिए सितंबर में चुनाव होंगे।

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सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से पूछा था कि जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा कब तक मिल पाएगा। इस पर आज सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम इसके लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सकते, लेकिन सरकार यह स्पष्ट है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है।

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पिछली सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि  जम्मू-कश्मीर को अस्थायी तौर पर दो यूनियन टेरिटरी (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटा गया है। लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा, लेकिन जम्मू-कश्मीर को जल्द राज्य का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि वे गुरुवार  को इस संबंध में पॉजिटिव बयान देंगे। लेकिन आज उन्होंने कहा कि हम इसके लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सकते।

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