राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उन आंकड़ों को गलत बताया है कि राजस्थान सरकार कुल उपलब्ध कराई गई कोरोना वैक्सीन को लगवाने में असफल रहा है। गहलोत ने कहा है कि पूरे में अब तक लगी वैक्सीन का 22 प्रतिशत अकेले राजस्थान में ही लगा है। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अपने मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दें कि ऐसी गलत बयान न जारी करें इससे कोरोना वॉरियर्स के उत्साह में कमी आएगी।
अशोक गहलोत ने सिलसिलेवार ट्वीट कर सारी जानकारी शेयर की है। उन्होंने लिखा है कि, ”केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि राजस्थान को 37.61 लाख कोविड वैक्सीन मिली एवं कल तक 24.28 लाख वैक्सीन ही लगाई गई हैं। यह डाटा पूर्णतः गलत है। 8 मार्च तक राजस्थान को 31,45,340 वैक्सीन प्राप्त हुईं। इनमें से 2,15,180 वैक्सीन सेना को उपलब्ध करवाई गईं हैं।“ उन्होंने आगे लिखा है कि, “नियमानुसार अन्य लोगों को लगाने के लिए 29,30,160 उपलब्ध हुईं। 8 मार्च तक 23,26,975 वैक्सीन प्रदेश में लगाई जा चुकी हैं। 1,62,888 वैक्सीन खराब हुईं जो केन्द्र सरकार द्वारा अनुमत सीमा 10 प्रतिशत से भी कम है। इस प्रकार प्रदेश में 8 मार्च को 4,40,297 वैक्सीन ही उपलब्ध थीं।“
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मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर अगर समय पर केंद्र सरकार वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराएगी तो वैक्सीनेशन के काम में बाधा आएगी। उन्होंने लिखा है कि, “राज्य में प्रतिदिन दो लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। ऐसे में 8 मार्च को सिर्फ दो दिन का वैक्सीनेशन करने के लिए ही वैक्सीन उपलब्ध थीं इसलिए राज्य सरकार ने केन्द्र से अतिरिक्त वैक्सीन भेजने की मांग की। जिसके बाद प्रदेश को 9 मार्च को 85 हजार वैक्सीन प्राप्त हुईं।“
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अशोक गहलोत ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से आग्रह किया है कि वे आंकड़ों के संबंध में अपने मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देशित करें। उन्होंने लिखा है कि, “स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राजस्थान के संबंध में जारी किया गया डाटा पूरी तरह गलत है। मैं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से अपील करूंगा कि वे अपने अधिकारियों को जल्दी ही वैक्सीन उपलब्ध करवाने और राजस्थान के बारे में गलत जानकारी ना देने के लिए निर्देश दें।“
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उन्होंने लिखा है कि, “तीसरे चरण में देश का लगभग 22 प्रतिशत वैक्सीनेशन राजस्थान में ही किया जा रहा है। यहां पर सरकार और आमजन दोनों ही वैक्सीन को लेकर उत्साहित हैं। लेकिन केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा इस तरह की गलतबयानी करने से प्रदेश के नागरिकों और कोरोना वॉरियर्स का हौसला कम होगा तथा जैसा कि कहा जा रहा है केन्द्र वैक्सीन 5-7 दिन में उपलब्ध करवा सकेगा, इससे पुनः वैक्सीनेशन में परेशानी आ सकती है।“
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