केंद्र सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की देखरेख के लिए ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर मालिकाना हक को लेकर दिए गए फैसले में इसका आदेश दिया था। गृह मंत्रासय और वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ट्रस्ट के गठन और उसके नियमों को तय करने की प्रक्रिया का हिस्सा होंगे।
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सूत्रों के अनुसार, सरकार सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या पर फैसले का अध्ययन कर रही है और नौकरशाहों की एक टीम तकनीकी पक्ष व बारीकियों का अध्ययन कर रही है। सूत्रों ने कहा कि इस मामले में सरकार अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल जैसे वरिष्ठ कानून अधिकारी से इस मुद्दे पर सलाह मशविरा करेगी।
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "कानून मंत्रालय व एटॉर्नी जनरल से राय ली जाएगी कि ट्रस्ट का गठन कैसे किया जाए।" शनिवार को दिए गए ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन मंदिर निर्माण के लिए रामलला को दी जाएगी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पीठ ने सरकार को इसके लिए ट्रस्ट स्थापित करने के लिए तीन महीने का समय दिया। मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए प्रमुख जगह पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है।
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