देश में 21 जून से यूनीवर्सल वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरु होना है, लेकिन इससे पहले केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश भेजे हैं जिसमें कहा गया है कि वैक्सीन से जुड़े कोई भी आंकड़े मीडिया से साझा न किए जाएं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि वैक्सीन रखने, इसे स्टोर करने और तापमान आदि के साथ ही बकाया उपलब्ध डोज की जानकारी मीडिया को न दी जाए। मंत्रालय का कहना है कि यह आंकड़े संवेदनशील होते हैं और इनका इस्तेमाल सिर्फ सक्षम एजेंसियों के द्वारा ही किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने अपने इस आदेश को पीआईबी के माध्यम से अधिकारिक ट्विटर पर भी शेयर किया है।
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केंद्र सरकार के इस के बाद राज्यों में हलचल बढ़ गई है। राज्यों ने इसे अपने अधिकारों में केंद्र सरकार का गैरजरूरी दखल करार दिया है। राज्यों की आशंका है कि इस आदेश के जरिए केंद्र सरकार कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता, इसके वितरण और उपयोग की सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली के डिप्टी सीएम और कोरोना मामलों के नोडल मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र के इस आदेश पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन की जानकारी कैसे इतनी संवेदनशील हो सकती है कि इसे जनता के सामने लाया जाए तो यह किसी को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस समय केंद्र सरकार को पूरा ध्यान इस बात पर लगाना चाहिए कि वह देश को ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध कराए और देश के सभी लोगों को वैक्सीन दी जा सके, इस तरह का आदेश उसके इरादों पर संदेह पैदा करता है।
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