केंद्र सरकार ने देश के रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस कमिश्नर (महा रजिस्ट्रार एंव जनगणना आयुक्त) मृत्युंजय कुमार का कार्यकाल बढ़ा दिया है। इससे संभावना जगी है कि सरकार जल्द ही जनगणना का काम शुरु करने वाली है। सूत्रों के मुताबिक जनगणना अगले साल शुरु होगी। माना जा रहा है कि जनगणना के आंकड़े 2026 तक जारी किए जाएंगे। वैसे तो जनगणना नियमानुसार 2021 में होनी थी, कन कोविड महामारी के चलते इसे टाल दिया गया था। सूत्रों का कहना है कि जनगणना पूरी होने के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन भी शुरु होगा और 2028 तक इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।
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रजिस्ट्रार जनरल का कार्यकाल बढ़ाए जाने और सूत्रों के हवाले से जगणना शुरु किए जाने की खबरों के बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कुछ सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा है कि दो अहम मुद्दों पर अभी तक कोई साफ स्थिति नहीं हैं। उन्होंने पूछा है कि क्या जनगणना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा भी क्या देश की अन्य जातियों की गणना की जाएगी, जोकि 1951 से लगातार की जाती रही है। उन्होंने कहा है कि देश के संविधान के मुताबिक देश में जाति जनगणना कराने की एकमात्र जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है।
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जयराम रमेश ने यह भी पूछा है कि क्या इस जनगणना का इस्तेमाल लोकसभा में हर राज्य की ताकत निर्धारित करने के लिए किया जाएगा जैसा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 82 में प्रावधान है। इस प्रावधान में कहा गया है कि वर्ष 2026 के बाद की गई पहली जनगणना और उसके परिणामों का प्रकाशन किसी भी ऐसे पुनर्गठन का आधार होगा। क्या यह उन राज्यों के लिए नुकसानदेह होगा जो परिवार नियोजन में अग्रणी रहे हैं?
कांग्रेस नेता ने इस बाबत सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने का अनुरोध किया है।
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