सीबीआई ने रविवार को कहा कि उसने बैंक के साथ धोखाधड़ी का एक नया मामला दर्ज किया है, जिसमें बेंगलुरु के यूको बैंक ने 2013 और 2016 में रियायती ब्याज दरों पर आवास और संपत्ति कर्ज के विभिन्न स्कीमों के तहत 18 फर्जी कर्जदारों को 19.03 करोड़ रुपये ऋण दिया था। यूको बैंक की ओर से 27 मार्च को मिली शिकायत पर सीबीआई ने मामला दर्ज किया है।
सीबीआई ने 29 मार्च को 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिनमें यूको बैंक की जयानगर स्थित शाखा के शाखा प्रबंधक भी शामिल हैं। अन्य आरोपियों में बिचौलिया बीएस श्रीनाथ, बैंक के 3 मूल्य निर्धारक, जंबुनाथ और बेंगलुरु की दो कंपनियों के मालिक गोपीनाथ आर अग्निहोत्री और एन वेंकटेश शामिल हैं।
आरोप है कि सरोजा ने बतौर मुख्य प्रबंधक 26 अगस्त 2013 और एक जून 2016 के बीच 18 कर्जदारों को आवास और संपत्ति से संबंधित कर्ज मंजूर और वितरित किए थे।
सरोजा पर बिचौलिया श्रीनाथ के साथ मिलीभगत का आरोप है, जिसने बैंक की स्कीमों के तहत कर्ज के लिए कुछ आवेदन किए थे और आवेदन के साथ कर्जदारों की आय के प्रमाण पत्र के तौर पर जाली दस्तावेज लगा दिया।
एफआईआर के मुताबिक, "आरोपियों ने उसके बाद भवन योजना, लाइसेंस और जमीन का दस्तावेज बैंक को सौंप दिया। सरोजा पर इन दस्तावेजों को असली के तौर पर स्वीकार करने और आवेदकों को कर्ज मंजूर करने का आरोप है।"
बाद में कर्जदारों ने कर्ज की राशि बैंक से निकाल लिया। उन्होंने जिस काम के लिए रियायती ब्याज दरों पर कर्ज लिया था, पैसे का इस्तेमाल उसके लिए नहीं किया, बल्कि दूसरे काम के लिए इस्तेमाल कर लिया। इस तरह यूको बैंक को उन्होंने 19.30 करोड़ रुपये की चपत लगाई। आरोप है कि अग्निहोत्री, जंबुनाथ और वेंकटेश ने बढ़ाकर मूल्य का आकलन किया था।
Published: 01 Apr 2018, 6:50 PM IST
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Published: 01 Apr 2018, 6:50 PM IST