एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल ने शुक्रवार को एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटाया है और कहा है कि उन्हें अदालत के आदेश के बावजूद विदेश जाने से हवाईअड्डे पर दूसरी बार रोका गया। इससे पहले उन्हें दिल्ली की एक अदालत से राहत मिली थी, जिसने उन्हें विदेश जाने से रोकने वाले सीबीआई के लुकआउट सर्कुलर को रद्द कर दिया था।
उनकी याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट शुक्रवार को ही सुनवाई करेगी। पटेल के अनुसार, अनुकूल अदालती आदेश के बावजूद गुरुवार की रात उन्हें बेंगलुरु हवाईअड्डे पर रोक दिया गया था। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "फिर से आव्रजन पर रोक लगा दी गई है। सीबीआई ने मुझे अपने लुक आउट सर्कुलर से नहीं हटाया है।" एक अन्य ट्वीट में कहा गया, "बेंगलुरु एयरपोर्ट पर अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई में कोई भी उनकी कॉल का जवाब नहीं दे रहा है।"
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इससे पहले आकार पटेल ने बुधवार को बेंगलुरू एयरपोर्ट पर रोके जाने पर सीबीआई के लुकआउट सर्कुलर को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने गुरुवार को पटेल को राहत दी थी।
लुकआउट सर्कुलर को वापस लेने के लिए कहने के अलावा, अदालत ने सीबीआई निदेशक से लिखित माफी की भी मांग की थी। कोर्ट के आदेश में कहा गया कि इस मामले में, सीबीआई के प्रमुख, यानी निदेशक सीबीआई द्वारा आवेदक को अपने अधीनस्थ की ओर से चूक को स्वीकार करते हुए एक लिखित माफी न केवल आवेदक के घावों को भरने में बल्कि जनता के विश्वास को बनाए रखने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।
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कोर्ट ने पटेल के वकील तनवीर अहमद मीर की दलीलों को स्वीकार किया, जिन्होंने तर्क दिया था कि परिपत्र बिना किसी प्रक्रिया के जारी किया गया था। उन्होंने लेखक के मौलिक अधिकारों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल द्वारा जांच एजेंसी को सहयोग नहीं करने का कोई सवाल ही नहीं था।
बता दें कि पत्रकार और लेखक आकार पटेल अमेरिका जा रहे थे, जब उन्हें एफसीआरए (विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के मामले में सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर का हवाला देते हुए बुधवार को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर देश छोड़ने से रोक दिया गया था। पटेल ने पहले 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित विषयों पर काम किया था और एक रिपोर्ट 'राइटस एंड रॉन्ग्स' प्रस्तुत की थी। साथ ही उन्होंने भारत और पाकिस्तान में प्रकाशनों के लिए कई कॉलम भी लिखे थे।
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