कोरोना महामारी के बीच ही देश और दुनिया के 13 देशों पर मौसम की बड़ी आफत आने वाली है। भारत समेत दुनिया के 13 देशों की तरफ तूफान अपनी तेज गति से बढ़ रहे हैं। भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) की तरफ से इन सभी तूफानों के नाम जारी किए गए हैं।
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इस सूची में प्रत्येक 13 सदस्य देशों के लिए 13 चक्रवातों के नाम शामिल हैं। भारत के नाम में गती, तेज, मुरासु, आग, व्योम, झार, प्रोबाहो, नीर, प्रबंजन, घुन्नी, अंबुद, जलधि और वेगा शामिल हैं, जबकि चक्रवातों के कुछ बांग्लादेशी नाम निसारगा, बिप्रजॉय, अर्नब और उपकुल हैं।
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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग 13 सदस्य देशों को उष्णकटिबंधीय चक्रवात और तूफान वृद्धि से जुड़ी सलाह देने वाले छह रीजनल स्पेस्लाइजड मौसम विज्ञान केंद्र में से एक है। इसमें बांग्लादेश, भारत, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, यूएई और यमन शामिल हैं।
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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बयान जारी कर कहा, “विभिन्न महासागर पर बनने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नाम संबंधित रीजनल स्पेस्लाइजड मौसम विज्ञान केंद्र और रीजन ट्रॉपिकल साइक्लोन वार्निग सेंटर द्वारा रखा गया है।”
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आईएमडी ने आगे कहा, “बंगाल की खाड़ी और अरब सागर सहित उत्तर हिंद महासागर के लिए उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम एक मानक प्रक्रिया का पालन करते हुए नई दिल्ली स्थित रीजन ट्रॉपिकल साइक्लोन वार्निग सेंटर ने प्रदान किया है।”
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अमेरिका के हरीकेन सेंटर की ओर से साल1950 में नेशनल अटलांटिक स्टॉर्म लिस्ट तैयार की गई थी। इस लिस्ट को अब वर्ल्ड मेटीऑरलाजिकल ऑर्गनाइजेशन (डब्लूयएमओ) की ओर से संचालित किया जाता है। यही संस्था है जो दुनिया भर में आने वाले तूफानों के नामों को मंजूरी देती है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह के चक्रवात आते हैं। डब्लूयएमओ इस लिस्ट को संचालित जरूर करती है लेकिन हर देश या क्षेत्र के मीटीऑरलाजिकल ऑर्गनाइजेशन से अलग है। साल 1979 से तूफान के लिए महिलाओं का नाम प्रयोग करने के ट्रेंड की शुरुआत हुई। इससे पहले सिर्फ पुरुषों के नाम का ही प्रयोग हो रहा था।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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