दक्षिण कोरिया के जामा इंटरनल मेडिसिन में छपी एक स्टडी से साबित होता है कि बिना लक्षणों वाले कोरोना पॉजिटिव लोगों से भी वायरस फैल सकता है। कोविड-19 के संक्रमण को लेकर अब तक स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसकी केवल संभावना जताते आए हैं। ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति बिना किसी कोरोना मरीज के संपर्क में आए हुए ही संक्रमित पाया जाता है।
Published: 10 Aug 2020, 1:29 PM IST
स्टडी को आगे बढ़ाने पर देखा गया कि जिन लोगों में शुरु में कोई लक्षण नहीं दिखे थे, उनमें से 30 फीसदी यानि 89 लोगों में कभी भी कोई लक्षण नहीं आया। रिसर्चरों का कहना है कि इससे समझा जा सकता है कि असल में कितनी बड़ी आबादी में कोरोना का संक्रमण होते हुए भी कभी कोई लक्षण नहीं दिखेगा। अभी भी विश्व भर में इसे लेकर काफी अनिश्तितता है कि जिन लोगों में पॉजिटिव होने के बावजूद कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, क्या वे ‘प्री-सिम्टमैटिक' हैं या ‘ए-सिम्टमैटिक'।
Published: 10 Aug 2020, 1:29 PM IST
इस स्टडी के लिए उन बिना लक्षण वाले लोगों के सैंपल आगे चलकर भी नियमित तौर पर लिए जाते रहे। आठ दिन आइसोलेशन में रहने के बाद के उनके सैंपलों में वायरस की उतनी ही मात्रा मिली, जितनी लक्षण वाले मरीजों में थी। खास कर नाक से लेकर गले और फेफड़ों में कोरोना वायरस के जेनेटिक पदार्थ की समान मात्रा थी। इन लोगों के टेस्ट निगेटिव आने में औसत रूप से थोड़ा कम समय लगा। जहां लक्षण वाले मरीजों को निगेटिव होने में औसतन 19.5 दिन लगे वहीं बिना लक्षण वालों का औसत करीब 17 दिन रहा।
Published: 10 Aug 2020, 1:29 PM IST
स्टडी के लेखक कहते हैं कि उनकी स्टडी से यह तो साबित होता है कि ‘ए-सिम्टमैटिक' लोगों में कोरोना वायरस का जेनेटिक पदार्थ मौजूद है। लेकिन इससे यह साबित नहीं होता कि उन लोगों के कारण वायरस और लोगों में भी फैलता है। इसकी पुष्टि करने के लिए ऐसे लोगों पर और लंबे समय तक नजर रखने और उनके संपर्क में आने वालों की भी जांच करने की जरूरत होगी।
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Published: 10 Aug 2020, 1:29 PM IST
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Published: 10 Aug 2020, 1:29 PM IST