नागरिकता कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। बीते दिनों देश की राजधानी दिल्ली में इस कानून के खिलाफ अलग अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुआ, जहां पुलिस की बर्बरता भी देखने को मिला। अब यूनिवर्सिटी की तरफ से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) को भेजी गई रिपोर्ट में पुलिस बर्बरता का जिक्र किया गया है।
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आज तक के पास रिपोर्ट के कॉपी के मुताबिक, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस जबरन कैंपस में घुस आई और छात्रों और गार्ड की पिटाई की। सबसे चौंकने वाला रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि पुलिस ने कई छात्रों के सीने पर बंदूक भी तानी थी।
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रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि जामिया के बाहर बड़ी संख्या में जुलैना और मथुरा रोड पर भीड़ जमा हो गयी थी, जिसे हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। इसके बाद पुलिस ने यूनिवर्सिटी में जबरन प्रवेश किया।
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रिपोर्ट में यह भी दावा है कि नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान दिल्ली पुलिस जबरन गेट नंबर 4 और 7 से घुस आई थी। पुलिस ने बर्बरता दिखाते हुए लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों को बेरहमी से पीटा गया, बेकसूर छात्रों को निशाना बनाया। इसके अलावा गेट पर तैनात गार्ड्स को पीटा लाइब्रेरी के शीशे तोड़ दिए और आंसू गैस के गोले भी दागे।
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गौरतलब है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस की बर्बरता से कई छात्रों के घायल होने की भी खबरें सामने आई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस की पिटाई में एक छात्र ने अपनी आंख भी गंवा दी। छात्रों को चोटें आने के बाद मेडिकल सुविधा मुहैया करवाए गया, इसके बावजदू उन्हें हिरासत में ले लिया गया। इस पूरे मामले को यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की।
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बता दें कि 15 दिसंबर को दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंसक प्रदर्शन हुआ था। पुलिस ने बिना परिमशन के यूनिनवर्सिटी परिसर में घुसरकर प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई छात्र घायल हो गए थे।
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