दिल्ली के जाफराबाद में रविवार को सीएए समर्थक और विरोधियों के बीच हिंसा हुई, फिलहाल हालात अब काबू में हैं। बवाल के दौरान जमकर पत्थर भी चले। इस पथराव में कई लोग घायल होने की खबर हैं। लेकिन इस सब के बीच एक बार फिर सवालों के घेरे में दिल्ली पुलिस है।
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जॉइंट कमिश्नर (ईस्टअर्न रेंज) आलोक कुमार ने सोमवार को बताया कि कई हिंसा के मामलों में चार केस रजिस्टर हुए हैं। इनमें एक-एक मामला जाफराबाद, वेलकम और दो दयालपुर में दर्ज हुए हैं। शामिल लोगों की पहचान भी हो गई है। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि जाफराबाद में प्रदर्शन के बीच बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर अपने समर्थकों को प्रदर्शन के खिलाफ मौजपुर में बुलाया था। कपिल मिश्रा के आने के बाद ही वहां के हालात बिगड़े। इतना ही नहीं कपिल मिश्रा ने डीसीपी, दिल्ली पुलिस और प्रदर्शनकारियों को धमकी भरी चेतावनी भी दी। इसके बावजूद दिल्ली पुलिस कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर नहीं दर्ज की। चलिए बताते हैं कि कपिल मिश्रा ने क्या कहा था। बता दें कि सीएए के खिलाफ जाफराबाद में अभी भी विरोध विरोध प्रदर्शन जारी है।
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रविवार को कपिल मिश्रा ने कहा था, “दिल्ली पुलिस तीन दिन के अंदर रास्तों को खाली कराए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के बाद वापस जाने तक हम यहां से शांतिपूर्वक जा रहे हैं, लेकिन अगर तीन दिन में रास्ते खाली नहीं हुए, तो हम फिर सड़कों पर उतरेंगे। इसके बाद हम दिल्ली पुलिस की नहीं सुनेंगे।”
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इससे पहले भी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की सुरक्षा में दिल्ली पुलिस लापरवाही कर चुकी है। शाहीन बाग में भी सीएए के खिलाफ दो महीने से अधिक समय से लोग धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। यहां पर दिल्ली पुलिस की लापरवाही सामने आ चुकी हैं। दरअसल शाहीन बाग में बीते दिनों में प्रदर्शन करने वाले पर फायरिंग हुई थी। आरोपी कपिल गुर्जर ने जय श्रीराम के नारे लगाते हुए फायरिंग की और कहा था कि ‘हमारे देश में और किसी की नहीं चलेगी, सिर्फ हिंदुओं की चलेगी। इसके अलावा जामिया के पास सीएए के खिलाफ रैली के दौरान फायरिंग हो चकी है।
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