उत्तर प्रदेश में तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का शुभारंभ हो चुका है। बता दें, 12 फरवरी तक ये कार्यक्रम चलेगा। शुभारंभ के इस मौके पर पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल समेत कई नेता मौजूद रहे। ना सिर्फ नेता बल्कि इस दौरान देश ही नहीं विदेशों से भी बड़े बड़े बिजनेस मैन भी नजर आए।
लेकिन इस समिट के पहले दिन खास बात ये रही कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के शुभारंभ के मौके पर गौतम अडानी गायब रहे। जबकि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में रिलायंस कंपनी के मालिक मुकेश अंबानी समेत देश और दुनिया के तमाम बड़े बिजनेसमैन नजर आए।
खबरों की मानें तो यूपी सरकार ने अडानी को न्योता भेजा था, लेकिन उनके ग्रुप ने आने को लेकर कोई सहमति नहीं दी। इससे पहले साल 2018 में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में गौतम अडानी नजर आए थे। लेकिन जब से हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आई है, तब से गौतम अडानी पब्लिकली नजर नहीं आ रहे हैं।
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आपको बता दें कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, बजाज फिनसर्व के चेयरमैन संजीव बजाज, आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, महिंद्रा और महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा के अलावा देश और विदेश से कई बड़े बिजनेसमैन शामिल होने आए हुए हैं।
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हाल ही में उत्तर प्रदेश में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में अडानी समूह को करारा झटका लगा था। उत्तर प्रदेश के मध्यांचल विद्युत निगम ने स्मार्ट मीटर लगाने की बोली जीतने वाले अडानी के टेंडर को निरस्त कर दिया। इस टेंडर को लेकर उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद और विद्युत नियामक आयोग (इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन) ने भी आपत्ति जताई थी।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का आरोप था कि जो स्मार्ट मीटर बाजार में 6000 रुपए का है उसे अडानी समूह 10,000 हजार रुपए में सरकार को दे रहा है। आरोप था कि मीटर के दाम 48 फीसदी सेलेकर 65 फीसदी तक अधिक थे। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इसको लेकर सीएम योगी का धन्यवाद दिया है। उन्होंने लिखा है कि उपभोक्ता परिषद की लड़ाई रंग लाई है। (यहां पढ़ें पूरी खबर)
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25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी की संपत्ति एक अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई है। इस दौरान समूह की 7 कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च एक वित्तीय शोध करने वाली कंपनी है, जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव मार्केट के आंकड़ों का विश्लेषण करती है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की है। हिंडनबर्ग रिसर्च हेज फंड का कारोबार भी करती है। इसे कॉरपोरेट जगत की गतिविधियों के बारे में खुलासा करने के लिए जाना जाता है। इस कंपनी का नाम हिंडनबर्ग आपदा पर आधारित है जो 1937 में हुई थी, जब एक जर्मन यात्री हवाई पोत में आग लग गई थी, जिसमें 35 लोग मारे गए थे।
कंपनी यह पता लगती है कि क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरीके से पैसों की हेरा-फेरी तो नहीं हो रही है? क्या कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो खुद को बड़ा नहीं दिखा रही है? क्या कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही?
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