उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोकशी के नाम पर भड़की हिंसा के मामले में एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक युवक की मौत हो गई थी। लेकिन हैरान करने वाली बात है कि यूपी पुलिस ने इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में जिस शख्स को मुख्य आरोपी बनाया है, उसी के बयान पर कथित गोकशी के मामले में जिले के नयाबांस गांव के 7 मुस्लिमों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
यूपी पुलिस का कारनामा यहीं खत्म नहीं होता। दरअसल जिन 7 मुस्लिमों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है, उनमें से दो नाबालिग हैं और उनकी उम्र 11 और 12 साल है। वहीं गांव वालों और स्थानीय पुलिस के ही मुताबिक, बाकी के 5 लोग भी घटना के दिन गांव में मौजूद नहीं थे। इनमें से तीन तो काफी पहले गांव से पलायन कर चुके हैं।
नाबालिगों के अलावा एफआईआर में दर्ज नामों में पहला सुदैफ का है। लेकिन गांव वालों के अनुसार इस नाम का कोई आदमी कभी गांव में नहीं रहा। आरोपियों में दूसरा नाम इलियास का है। गांव वालों ने बताया कि इस नाम के दो लोग गांव में जरूर थे लेकिन दोनों करीब 15 साल पहले ही अपने परिवार के साथ नौकरी की तलाश में यहां से पलायन कर जा चुके हैं। इस एफआईआर में तीसरा नाम शराफत का है और वह भी काफी पहले गांव छोड़कर कहीं और जा चुका है।
हालांकि एफआईआर में नामित सैफुद्दीन और परवेज इसी गांव में रहते हैं, लेकिन दोनों शनिवार से ही गांव से 45 किलोमीटर दूर हो रहे इत्जिमा में शामिल होने गए हुए थे और घटना के समय तक वहां से लौटे नहीं थे। दोनों के परिजनों ने सबूत के तौर पर उनकी इत्जिमा में ली गई फोटो और वीडियो पुलिस को दिए हैं।
इस बारे में पूछने पर बुलंदशहर के एसएसपी कृष्ण बी सिंह ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया और कहा कि पुलिस अभी सभी तथ्यों की जांच कर रही है। हालांकि पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए गांव से दोनों नाबालिगों को पूछताछ के लिए थाने ले गई थी।
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बता दें कि सोमवार को हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए जिस बजरंग दल के जिला प्रमुख योगेश राज के बयान पर ये शिकायत दर्ज की गई है, वह अब तक पुलिस की गिरफ्त से फरार है। एफआईआर में दर्ज उसके बयान के मुताबिक सोमवार की सुबह 9 बजे वह अपने तीन दोस्तों के साथ गांव से टहलने के लिए निकला था। इस दौरान पड़ोसी गांव महाव के जंगल वाले इलाके में उसने देखा कि 7 लोग गोहत्या कर रहे हैं। उसके अनुसार जब तक वह और उसके दोस्त कुछ पाते तब तक वे फरार हो गए। योगेश का दावा है कि वे सब उसी गांव के रहने वाले थे।
हालांकि योगेश राज की बहन के बयान से उसके बयान पर सवाल खड़े हो गए हैं। योगेश की बहन सुमन माथुर ने अपने भाई के बयान से बिल्कुल उलट बयान देते हुए कहा कि महाव गांव के किसी व्यक्ति ने उसे फोन किया था, जिसके बाद वह घर से गया था। बहन के अनुसार योगेश उस दिन पुलिस स्टेशन भी गया था, लेकिन बाद में वहां से लौट आया था। इसके बाद वह दोबारा दोपहर बाद फिर से बाहर चला गया। बहन ने कहा कि तब से उन लोगों ने उसे देखा ही नहीं है।
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