उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध को निशाना बनाए जाने पर देश भर में कड़ी निंदा हुई। हाल ही में 83 पूर्व नौकरशाहों ने बुधवार को एक खुला पत्र लिखकर बुलंदशहर हिंसा की आलोचना की थी। इन सभी के बावजूद बुलंदशहर हिंसा पर बीजेपी नेताओं के बेतुके बयानबाजी जारी है। बुलंदशहर के अनूपशहर सीट से बीजेपी विधायक संजय शर्मा ने कहा कि नौकरशाहों को केवल दो लोगों की मौत की चिंता है, लेकिन 21 गायों की फिक्र किसी को नहीं है।
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बीजेपी विधायक ने बुलंदशहर में भीड़ द्वारा हिंसा मामले में सीएम योगी के इस्तीफे की मांग करने वाले पूर्व नौकरशाहों की आलोचना की है। पूर्व अधिकारियों के खुले पत्र के जवाब में विधायक ने बृहस्पतिवार को एक खुला पत्र लिखा। उन्होंने कहा, ‘‘अब आप सब बुलंदशहर की घटना पर चिंतित हैं। आपके कल्पनाशील दिमाग केवल दो लोग सुमित और ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी की ही मौत देख पा रहे हैं। आपको नहीं दिख रहा है कि 21 गाय भी मरी हैं। कृपया समझें कि, जिन लोगों ने गायों को मार डाला, वे असली अपराधी थे। हमारे गौमाता की हत्यारे भीड़ के कारण निकल गए।” उन्होंने आगे कहा कि सूबे की जनता ने प्रचंड बहुमत देकर मुख्यमंत्री को चुना है, ऐसे में उन्हें हटाने की अधिकार केवल जनता को है. इसके अलावा किसी को नहीं।
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इस पहले राज्य के 83 पूर्व नौकरशाहों ने सीएम योगी को खुला खत लिखकर इस मुद्दे पर अपना गुस्सा जाहिर किया था और सीएम योगी की इस्तीफे की मांग की थी। राज्य के पूर्व अफसरों ने खत में सीएम योगी आदित्यनाथ पर बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाते हुए लिखा था कि सीएम योगी सिर्फ गोकशी मामले पर ध्यान दे रहे हैं, जबकि हिंसा में इंस्पेक्टर की हुई मौत के मामले पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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