आज से शुरू हो रहे हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं। धान घोटाला, बेरोजगारी, मंदी, भ्रष्टाचार, किसानों को फसलों का उचित दाम, बुढ़ापा पेंशन और युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने जैसे चुनावी वादों पर विपक्ष ने सरकार को विधानसभा में घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। लेकिन सबसे बड़ी मुसीबत खुद सरकार को समर्थन दे रहे विधायक बनते दिख रहे हैं, जो इस सत्र में सरकार को परेशानी में डालने के लिए तैयार हैं। सत्र शुरू होने से पहले सरकार से पूछे जाने वाले 400 तारांकित और अतारांकित सवाल विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंच चुके हैं।
आज से शुरू होने वाला बजट सत्र हरियाणा विधानसभा का सबसे लंबा सत्र होने जा रहा है, जिसके 3 मार्च तक चलने की संभावना है। 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में 31 विधायकों के साथ कांग्रेस मजबूत विपक्ष के तौर पर इस बार मौजूद है। विपक्ष में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के एकमात्र विधायक अभय चौटाला भी हैं। सरकार की एक और मुसीबत यह है कि अभी तक उसका न्यूनतम साझा कार्यक्रम तक नहीं बन पाया है।
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इस बीच बजट सत्र से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विरोधी दल भूपिंदर सिंह हुड्डा के आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति बन चुकी है। हरियाणा में बेरोजगारी का मुद्दा सबसे गंभीर है। जेजेपी ने चुनावी घोषणा पत्र में 11000 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का वादा युवाओं से किया था, जिसके सवाल पर अब सरकार को जवाब नहीं सूझ रहा है। बेरोजगारी पर बीजेपी-जेजेपी सरकार का कोई रोडमैप अब तक सामने नहीं आया है। एक सर्वे के मुताबिक हरियाणा में बेरोजगारी दर 30 फीसदी के आसपास पहुंच चुकी है।
दरअसल हरियाणा की माली हालत बेतरह खराब है। हरियाणा सरकार तकरीबन 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी है। जबकि 2014 में जब बीजेपी ने हरियाणा की सत्ता संभाली थी तो यह कर्ज महज 61 हजार करोड़ के आसपास था। जेजेपी ने 5100 रुपए बुढ़ापा पेंशन देने का वादा भी किया था। जबकि बीजेपी ने चुनाव में महंगाई दर के अनुसार पेंशन बढ़ाने की बात कही थी। बीते दिनों सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पेंशन में 250 रुपए की बढ़ोतरी का ऐलान किया, जिसे विपक्ष ने मुद्दा बना लिया है।
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गौरतलब है कि सीएम मनोहर लाल खट्टर ने पेंशन बढ़ोतरी का जब ऐलान किया तो कहा कि महंगाई दर के अनुसार पेंशन में बढ़ोतरी महज 160 रुपए बनती है, लेकिन सहयोगी पार्टी के कहने पर इसमें कुछ राशि और बढ़ाई गई है। मतलब इसमें 90 रुपए की और बढ़ोतरी हुई है। दुष्यंत चौटाला भी उस समय वहां सीएम खट्टर के साथ मौजूद थे। इसे लेकर विपक्ष लगातार जेजेपी पर हमला बोल रहा है और बजट सत्र में विधानसभा में इस मुद्दे का उठना तय है।
वहीं, सत्र से पहले नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर हमला भी बोला है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में हर तरफ भ्रष्टाचार हो रहा है। यह सरकार कर्ज से चल रही है। उन्होंने मांग की है कि सरकार को प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र लाना चाहिए। एक तरफ राज्य पर कर्ज बढ़ता जा रहा है तो दूसरी तरफ सरकार मंत्रियों के लिए लग्जरी गाड़ियां खरीदने जा रही है। अब मंत्री नई फॉर्च्यूनर गाड़ियों में चलेंगे। सरकार की हाई पावर परचेज कमेटी की मीटिंग में इन गाड़ियों की खरीद पर मुहर लगा दी गई है।
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यह सारे सवाल विधानसभा में सरकार से पूछे जाने वाले हैं। खुद सरकार को समर्थन दे रहे विधायक ही उस पर हमला करने के लिए तैयार बैठे हैं। सरकार को समर्थन दे रहे महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू तो भ्रष्टाचार का पूरा पुलिंदा अपने साथ लिए हुए हैं। कुंडू ने विधानसभा में पूरी शिद्दत के साथ मामला उठाने की बात कही है। वहीं दुष्यंत चौटाला के खिलाफ बगावत का झंडा उठाए नारनौंद से जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम कभी भी विधानसभा में सरकार के लिए मुश्किल बन सकते हैं। वह रोजाना अपने पार्टी हाईकमान पर हमला कर रहे हैं।
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष के पास विधायकों के 400 सवालों के साथ ही दर्जन भर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी आ चुके हैं। सोनीपत के गोहाना से विधायक जगबीर सिंह मलिक का कहना है कि उन्होंने खुद तकरीबन तीन दर्जन सवाल और आधा दर्जन ध्यानाकर्षण प्रस्ताव अहम मसलों पर दिए हैं। इनमें पानी, सड़क और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तक से जुड़े सवाल शामिल हैं। मलिक का कहना है कि सरकार को हम विधानसभा में जवाब देने के लिए मजबूर करेंगे।
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