कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 1991 के ऐतिहासिक केंद्रीय बजट को पेश किए जाने के 33 साल पूरा होने पर बुधवार को कहा कि उदारीकरण वाले उस बजट ने देश में क्रांति ला दी और इस उपलब्धि पर उनकी पार्टी को गर्व है।
खड़गे ने यह भी कहा कि आज फिर एक ऐसे सार्थक, ठोस नए सुधारों की सख्त जरूरत है जो मध्यम वर्ग और वंचितों दोनों की मदद करें।
खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव और वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में जुलाई 1991 भारत के इतिहास में उदारीकरण बजट के रूप में एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसने आर्थिक सुधारों के एक नये युग की शुरुआत की थी।’’
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उन्होंने कहा कि इस दूरदर्शी कदम ने देश में क्रांति ला दी, मध्यम वर्ग को सशक्त बनाया और लाखों लोगों को गरीबी और हाशिए से ऊपर उठाया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "कांग्रेस पार्टी को इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर बहुत गर्व है, जिसने भारत के विकास पथ को गति दी और प्रगति और समृद्धि को प्रेरित करती रही।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, "आज, एक बार फिर, सार्थक, ठोस नए सुधारों की सख्त जरूरत है जो मध्यम वर्ग और वंचितों दोनों की मदद करें।"
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज से 33 साल पहले वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपना पहला बजट पेश किया था जो भारत को एक नई दुनिया में ले गया। आज ही के दिन 33 साल पहले वह दिन था जब नई औद्योगिक नीति का अनावरण किया गया था, जिसने परिवर्तन के साथ निरंतरता के दर्शन पर आधारित भारत के आर्थिक परिवर्तन को प्रेरित किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 24 जुलाई 1991 की घटनाओं और उनकी पृष्ठभूमि के बारे में ‘टू द ब्रिंक एंड बैक: इंडियाज़ 1991 स्टोरी’ (पुस्तक) में लिखा है।’’
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