राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही किसानों की कर्जमाफी के ऐलान और अपनी सरकार के खिलाफ किसानों में बढ़ती नाराजगी से भारी दबाव झेल रही मोदी सरकार ने अपने आखिरी बजट में किसानों को रिझाने की भरपूर कोशिश की है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट भाषण पढ़ते हुए किसानों को आर्थिक संकट से बाहर निकालने और उन्हें सम्मानजनक जीवन देने का दावा करते हुए बड़ा ऐलान किया है। गोयल ने बजट भाषण में ऐलान किया कि केंद्र सरकार ने देश के किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की मदद करने का फैसला लिया है।
पीयूष गोयल ने अपने भाषण में किसानों को सीधे तौर पर आर्थिक मदद देने का ऐलान करते हुए 'पीएम किसान सम्मान निधि' योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत सरकार ने देश के कमजोर और छोटे किसानों को हर साल 6 हजार रुपए देने का ऐलान किया है। यह सहायता वैसे सभी किसानों को मिलेगी जिनके पास दो हेक्टयर जमीन हैं। यह मदद 2-2 हजार रुपये की तीन किस्तों में दी जाएगी। गोयल ने कहा कि इस योजना के तहत पैसे सीधे किसानों के खाते में जाएंगे।
इस योजना का ऐलान करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि यह योजना 1 दिसंबर 2018 से लागू होगी। यानी मौजूदा वित्त वर्ष में ही इसे लागू कर दिया जाएगा। सरकार का दावा है कि इससे देश के 12 करोड़ किसान परिवारों को लाभ मिलेगा। इस योजना से केंद्र सरकार पर कुल 75 हजार करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश करते हुए दावा किया कि मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही सरकार ने इस बजट में गाय पर भी विशेष ध्यान देते हुए राष्ट्रीय कामधेनु योजना का ऐलान किया और पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कर्ज में 2 प्रतिशत की छूट का भी ऐलान किया।
हालांकि सरकार ने ऐलान तो कर दिया है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आज की मंहगाई में 500 रुपये महीने से किसानों को कितनी राहत मिलेगी। माना जा रहा है कि किसानों की नाराजगी और किसानों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लगातार घेरे जाने की वजह से मोदी सरकार भारी दबाव में थी और आगामी चुनाव को देखते हुए किसानों को रिझाने के लिए उसे कुछ न कुछ ऐलान करना था।
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