देश में समान नागरिक संहिता पर जारी बहस के बीच बीएसपी प्रमुख मायावती ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 44 में UCC बनाने का प्रयास तो वर्णित हैं, मगर इसे थोपने का नहीं है। इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही बीजेपी को देश में UCC को लागू करने के लिए कोई कदम उठाना चाहिए था। हमारी पार्टी UCC को लागू करने के खिलाफ नहीं है बल्कि बीजेपी और इनकी सरकार द्वारा इसे देश में लागू करने के तरीके से सहमत नहीं है।
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बीएसपी प्रमुख ने कहा कि यूसीसी के कार्यान्वयन से देश मजबूत होगा और भारतीय एकजुट होंगे। इससे लोगों में भाईचारे की भावना भी विकसित होगी। यूसीसी को जबरदस्ती लागू करना ठीक नहीं है, इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने से दिक्कतें पैदा होंगी। सरकार को फिलहाल महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
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उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी यूसीसी के जरिए संकीर्ण मानसिकता की राजनीति करने की कोशिश कर रही है। बीजेपी को यूसीसी से जुड़े सभी आयामों पर विचार करना चाहिए। मायावती ने कहा कि अगर बीजेपी अपने तुच्छ राजनीतिक एजेंडे से ऊपर उठकर इसे लाती है तो हम इसका समर्थन करेंगे, वर्ना इसका विरोध करेंगे। सरकार यूसीसी को चर्चा का विषय बनाकर ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है। यूसीसी का उल्लेख पहले से ही संविधान में है।
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