ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लीवरली ने बुधवार को अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात के दौरान भारत में बीबीसी के कार्यालयों में इनकम टैक्स की छापेमारी का मुद्दा उठाया। खबरों के अनुसार जयशंकर ने क्लीवरली को जवाब दिया कि बीबीसी को भारत के कानून का पालन करना होगा।
ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लीवरली दिल्ली में शुरू हुई जी20 विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक में भाग लेने के लिए इस समय भारत में मौजूद हैं। खबरों के अनुसार ब्रिटिश विदेश मंत्री ने एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक में बीबीसी के नई दिल्ली और मुंबई ऑफिस में पिछले महीने हुई आयकर विभाग की छापेमारी का मुद्दा उठाया।
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वहीं खबर है कि ब्रिटेन के मंत्री के सवाल पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करार जवाब दिया है। जयशंकर ने क्लीवरली को दोटूक लहजे में कहा कि भारत में जो भी संस्था काम करेगी, उसे देश के कानून का पालन करना ही होगा, चाहे वह कोई भी हो। सूत्रों के मुताबिक, जयशंकर ने बीबीसी छापे के मुद्दे पर ब्रिटेन के मंत्री से दृढ़ता से कहा कि भारत में काम करने वाली सभी संस्थाओं को यहां के कानूनों का पालन करना चाहिए।
बता दें कि पिछले महीने, आयकर अधिकारियों ने नई दिल्ली और मुंबई में बीबीसी कार्यालयों में छापेमारी कर तलाशी ली थी, जिसे 'सर्वे' बताया गया था। 14 फरवरी को शुरू हुआ यह सर्वे तीन दिनों तक चला था। बाद में इनकम टैक्स विभाग ने कहा था कि ब्रिटिश मीडिया कंपनी की आय भारत में संचालन के पैमाने के अनुरूप नहीं थी। साथ ही अधिकारियों ने यह भी कहा कि बीबीसी ने कुछ करों का भुगतान नहीं किया था, जिसके बाद उस पर कार्रवाई की गई।
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गौरतलब है कि इनकम टैक्स का यह सर्वे बीबीसी की पीएम मोदी पर आई डॉक्यूमेंट्री पर हुए विवाद के फौरन बाद हुआ। दरअसल बीबीसी ने दो पार्ट में पीएम मोदी पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जो 2002 के गुजरात दंगों और उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उभार पर थी। डॉक्यूमेंट्री पर काफी विवाद हुआ और सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसका भारत और विदेशों में भी जमकर विरोध हुआ। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा। इसी बीच 14 फरवरी को बीबीसी के ऑफिसों में इनकम टैक्स की टीम पहुंच गई।
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बीबीसी पर इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों ने सड़क से संसद तक विरोध जताया। विपक्षी दलों ने इसे प्रेस की आजादी पर हमला और बीजेपी की तानाशाही करार दिया। यह मुद्दा ब्रिटिश संसद में भी उठा था। ब्रिटेन की सरकार और विपक्षी लेबर पार्टी ने बीबीसी का बचाव करते हुए इनकम टैक्स सर्वे पर चिंता जाहिर की थी। एक सांसद जिम शैनन ने तो ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय से मांग की थी कि वो इस मुद्दे पर भारत से सवाल करें।
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