सात महिला पहलवानों ने जिन बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, उनके बारे में न्यूज पोर्टल द प्रिंट में एक कोच को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि 'उनके बिना पहलवानों को काबू में रखना बहुत कठिन होगा... वह ऐसे दबंग हैं जिनकी कुश्ती को जरूरत है।' सिंह ने 2021 में इंटरव्यू देते हुए खुद ही कहा था कि 'ये लोग (पहलवान) बलिष्ठ पुरुष और महिलाएं हैं। उन्हें काबू में रखने के लिए आपको ज्यादा बलिष्ठ व्यक्ति की जरूरत होगी। मुझसे अधिक बलिष्ठ यहां कोई है क्या?'
Published: undefined
बृज भूषण सिंह 12 साल से भारतीय कुश्ती फेडरेशन (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष हैं। उन पर इसे जागीर की तरह चलाने, 2012 से ही इसमें वित्तीय अनियमितताएं होने देने और सेक्सुअल अपराध करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। नियमतः, एक नाबालिग समेत उन सात पहलवानों की पहचान उजागर नहीं की जा सकती, लेकिन पहलवानों को शंका है कि ये नाम सांसद को बता दिए गए हैं और उनके परिवार के लोगों को डराने-धमकाने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
बृज भूषण सिंह की व्यक्तिगत वेबसाइट brijbhushansingh.in में दावा किया गया है कि कॉलेज में छेड़खानी का विरोध करने के बाद वह छात्र नेता बन गए। वेबसाइट में कहा गया है कि वह गाने के शौकीन हैं और साहित्य के प्रति उनमें जुनून है; वह कवि हैं; उन्होंने 5 लाख पौधे रोपे हैं; उन्होंने 54 स्कूल खोले हैं (और ये सिर्फ उनके चुनाव क्षेत्र में ही नहीं हैं)। सिंह ने यह बात खुले आम कही है कि 'लोग मुझे माफिया कहते हैं लेकिन मेरे विद्यार्थी मेरी पूजा करते हैं। पहले मैं ब्राह्मणों के चरण स्पर्श करता था; आज युवा ब्राह्मण मेरे पैर छूते हैं और मुझे गुरुजी कहते हैं।'
Published: undefined
लेकिन विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवान उनके लंपट व्यक्तित्व के होने का आरोप लगा रहे हैं। पुलिस को दिया उनका एक बयान लीक हुआ है जिसमें महिला पहलवानों ने उनकी सांस की जांच के नाम पर उन्हें गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया है। पहलवानों ने यह भी शिकायत की है कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने अपने पसंदीदा पहलवानों और कोचों- दोनों का पक्ष लिया और दूसरों द्वारा महिलाओं के साथ सेक्सुअल प्रताड़ना के आरोपों पर आंखें मूंदे रखीं। उन लोगों ने कहा कि उन्हें रात में कभी भी बुला लिया जाता था। ‘पिता की तरह खयाल रखने’ के नाम पर सिंह उसी फ्लोर पर रुकते थे जिसपर महिलाएं रुकती थीं।
फिर भी, यह जरूर कहना चाहिए कि मेडल जीतने वाली विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ-साथ बजरंग पूनिया के नेतृत्व में सिंह की गिरफ्तारी और उन पर मुकदमा चलाने की मांगों के समर्थन में कुछ ज्यादा पहलवान सामने नहीं आए हैं। कम-से-कम एक महिला- एशियाई और कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने वाली दिव्या काकरान ने खुलकर सिंह का समर्थन किया है। उन्होंने जनवरी में खुद बनाए गए वीडियो क्लिप में कहा है कि वह 2013 से कैम्प में जा रही हैं लेकिन सेक्सुअल प्रताड़ना की किसी घटना से परिचित नहीं हैं।
Published: undefined
साल 2014 में आई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि 1980 के दशक में बृज भूषण पर मोटरसाइकिल/बाइक चोरी और शराब की दुकानें चलाने के आरोप लगते थे। स्क्रॉल की एक रिपोर्ट में गोंडा के पुराने पत्रकारों को उद्धृत करते हुए कहा गया है कि सिंह किस तरह लड़कों को मंदिर के तालाब के अंदर पड़े सिक्कों को डुबकी मारकर निकाल लाने के लिए उकसाते थे। बाद में, वह सिविल ठेकेदार बन गए।
बताया जाता है कि इन दिनों हथियारों और घुड़सवारी, चमक-दमक वाले ऑटोमोबाइल और हेलिकॉप्टरों को लेकर उनका जुनून है। उनके अपने दो हेलिकॉप्टर हैं। 2019 आम चुनाव से पहले अपने शपथ पत्र में उन्होंने (और उनकी पत्नी) ने सिर्फ 10 करोड़ की अचल संपत्ति और 4 करोड़ कीमत की चल संपत्ति होने की घोषणा की। इसमें कोई चैरिटेबल ट्रस्ट शामिल नहीं है।
बृज भूषण सिंह छह बार लोकसभा चुनाव जीते हैं। पांच बार बीजेपी की टिकट पर जबकि एक बार- 2009 में समाजवादी पार्टी उम्मीदवार के तौर पर। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल- अयोध्या, गोंडा, कासगंज और बहराइच में उनकी धमक से कोई इनकार नहीं करता। उनकी पत्नी पूर्व सांसद और पंचायत समिति अध्यक्ष हैं। दो बेटे उत्तर प्रदेश में विधायक हैं। सबसे बड़े बेटे ने यह पत्र छोड़कर आत्महत्या कर ली कि सिंह 'अच्छे पिता' नहीं बन सके। सिंह ने तब माना था कि उन्हें अपने बेटे के डिप्रेशन को लेकर जानकारी नहीं थी।
Published: undefined
वह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह ही 'ठाकुर' हैं लेकिन कॉलमिस्ट कूमी कपूर दावा करती हैं कि सिंह को योगी का समर्थन हासिल नहीं है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस में उन्होंने लिखा है कि सांसद ने कई अवसरों पर राज्य सरकार की आलोचना की है। सिंह खुलकर बोलते हैं और उन्होंने योग गुरु से उद्योगपति बन गए रामदेव की भी आलोचना की। उन्होंने रामदेव को 'मिलावट का सम्राट' तक कहा है और उनके खिलाफ देशभर में आंदोलन की धमकी तक दी है।
कूमी कपूर लिखती हैं कि 'दिल्ली में पार्टी हाइकमान के साथ सीधे संबंधों की वजह से सिंह का असाधारण प्रभाव है। हाइकमान ने अन्य दलों के नेताओं से संपर्क साधने में पहले उनका उपयोग किया है। ऐसे लोगों में समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव भी हैं।' 2022 में गोवा विधानसभा चुनावों में बीजेपी को स्पष्ट जीत का भरोसा नहीं था। कपूर ने लिखा कि 'अमित शाह ने सिंह से तीन संभावित जीतने वाले उम्मीदवारों को अपने पाले में करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने के लिए विमान से गोवा जाने का अनुरोध किया। कुश्ती से जुड़े होने की वजह से इनके सिंह से दोस्ताना संबंध थे।’
निश्चित तौर पर, सिंह को बीजेपी की जितनी जरूरत है, उससे कहीं ज्यादा बीजेपी को सिंह की जरूरत है। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक पर्यवेक्षक तो यहां तक कहते हैं कि सिंह चुनावों में बीजेपी का चिह्न 'लेते' जरूर हैं, लेकिन जीतते अपने दम पर हैं। वे कहते हैं कि अगर बीजेपी उनके खिलाफ कार्रवाई करती है, तो पार्टी को 2024 में आधा दर्जन लोकसभा चुनाव क्षेत्रों से हाथ धोना पड़ेगा। वह कहते हैं कि अभी चल रहे विवाद पर अखिलेश यादव ने इसी वजह से चुप्पी साध रखी है क्योंकि अगर सिंह फिर एसपी से चुनाव लड़ना चाहें, तो अखिलेश उनका स्वागत करेंगे।
Published: undefined
1993 में सिंह पर अपने पूर्व बिजनेस पार्टनर पंडित सिंह पर गोली चलाने का आरोप लगा था। पंडित सिंह की जान बच गई, हालांकि उन्हें 14 महीने अस्पताल में बिताने पड़े। बृज भूषण ने दावा किया कि घटना के समय वह दिल्ली में थे। 2022 में कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त करार दिया लेकिन टिप्पणी की कि अभियोजन पक्ष ने उनकी अनुपस्थिति की पुष्टि का कोई प्रयास नहीं किया। पंडित सिंह का कोविड की वजह से 2021 में निधन हो गया। बृज भूषण शरण सिंह को दोषमुक्त करार देने की वजह यह भी बनी कि पंडित सिंह अपना बयान दर्ज कराने कभी भी न्यायालय नहीं गए।
इस मुकदमे में दोषमुक्त करार दिए जाने के बाद ऑनलाइन पोर्टल लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में बृज भूषण ने सनसनीखेज दावा किया किः उन्होंने फैजाबाद के वर्तमान बीजेपी सांसद लल्लू सिंह की उपस्थिति में एक व्यक्ति की जरूर ही हत्या कर दी थी। उन्होंने बताया कि पंडित सिंह का भाई रविन्दर उनके बगल में खड़ा था जब किसी ने उसकी हत्या कर दी। बृज भूषण ने बताया था कि वह उस पर झपट पड़े और हत्या करने वाले को गोली मार दी। इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।
Published: undefined
वैसे, बृज भूषण एक अन्य मामले में जेल भेज दिए गए। यह दाउद इब्राहिम के सहयोगियों को शरण देने के आरोप में आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (टाडा) का मामला था। उन्हें गैंगस्टर कानून में भी गिरफ्तार किया गया। उनके चुनावी शपथ पत्र के अनुसार, 2019 आम चुनाव के वक्त उनके खिलाफ चार आपराधिक मामले लंबित थे।
वह यह भी स्वीकार करते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने उन पर 2004 में गोंडा से बीजेपी के उम्मीदवार को मरवा डालने का आरोप लगाया था। वह इसमें अपनी संलिप्तता से इनकार करते हुए कहते हैं कि यह दुर्घटना थी। लेकिन इस आरोप की वजह से अंततः उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। सपा उम्मीदवार के तौर पर लोक सभा सीट जीतने के बाद 2014 में वह वापस बीजेपी में आ गए।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined