मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने चिंता जाहिर की। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य की स्थिति इस वक्त बहुत गंभीर है। कोर्ट ने सरकार से पूछा, “आज राज्य में क्या हो रहा है? लोग आ रहे हैं और बसों में आग लगा रहे हैं, पत्थर फेंक रहे रहे हैं। आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं? एक राज्य है और उसके बाद एक सरकार है। शायद कल सरकार बदल जाए, लेकिन उस राज्य का क्या जो कई करोड़ लोगों का घर है? क्या सभी को पुलिस प्रोटेक्शन की जरूरत पड़ेगी।”
वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मराठा क्रांति मोर्चा के सदस्यों, मराठी सिनेमा से जुड़े कलाकारों और प्रदेश के कई चर्चित लोगों के साथ बैठक हुई। इसमें आरक्षण के मुद्दे को लेकर बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया गया। बैठक के बाद सीएम ने कहा, “राज्य के मराठा नेताओं के साथ बात हुई है। संयुक्त बातचीत के बाद एक मसौदे पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके तहत मराठा समुदाय को कानून के मुताबिक आरक्षण दिया जाएगा। सरकार मराठा आरक्षण की मांग करने वालों के साथ है।”
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मराठा समाज 16% आरक्षण की मांग कर रहा है। ये समाज पिछड़ा वर्ग के तहत सरकारी नौकरी, शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण की मांग कर रहा है। पिछले दो सालों से महाराष्ट्र में यह आंदोलन चल रहा है और 60 से ज्यादा जगहों पर आंदोलन हुआ है।
ये बातें बॉम्बे हाईकोर्ट ने नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे मर्डर केस को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान कहीं। नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे मर्डर केस के मुद्दे को लेकर भी कोर्ट ने सीबीआई और एसआईटी को फटकार लगाई। कोर्ट ने एजेंसी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया और साथ ही हर बार एक जैसी रिपोर्ट पेश करने पर कड़ी फटकार लगाई।
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